छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल का बड़ा फैसला, अब वर्ष में 2 बार होगी मुख्य परीक्षा आयोजित, परीक्षाओं की तिथि भी निर्धारित…

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के अंतर्गत वर्ष में अब दो बार मुख्य परीक्षा आयोजित किया जाएगा। इससे नियमित पढ़ाई से वंचित विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई करना आसान होगा। इस हेतु प्रथम परीक्षा माह अप्रैल एवं दूसरा परीक्षा माह सितम्बर में आयोजित होगा।

प्राचार्य शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि दो बार परीक्षा होने से यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाता है तो उसे अगले 6 महीने के भीतर ही पुनः मौका मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल माह के परीक्षा हेतु परीक्षार्थी सामान्य शुल्क के साथ 16 जुलाई से 31 दिसंबर तक आवेदन फार्म जमा कर सकते है। साथ ही विलंब शुल्क के साथ 01 जनवरी से 15 जनवरी तक आवेदन लिए जाएंगे। इसी प्रकार सितम्बर परीक्षा के लिए आवेदन सामान्य शुल्क के साथ 16 जनवरी से 30 जून एवं विलम्ब शुल्क के साथ 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आवेदन लिए जाएंगे। इस प्रकार परीक्षार्थी वर्ष भर 24 घंटे सातों दिन अध्ययन केन्द्र में मुख्य, अवसर, क्रेडिट, अथवा आर.टी.डी. परीक्षा हेतु आवेदन कर सकते है।

ओपन स्कूल के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल के मुताबिक दो बार परीक्षा होने से यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाता है तो उसे अगले छह महीने के भीतर ही फिर मौका मिल जाएगा।

अप्रैल की परीक्षा के लिए यह है शेड्यूल

सामान्य परीक्षार्थियों के लिए सामान्य शुल्क के साथ 16 जुलाई से 31 दिसंबर तक आवेदन ,विलंब शुल्क के साथ एक से 15 जनवरी तक लेंगे आवेदन और अप्रैल में एक से 15 अप्रैल के बीच परीक्षाएं होगी। वहीं अवसर परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा परिणाम जारी होने के अगले दिवस से 31 दिसंबर तक सामान्य शुल्क के साथ एक से 15 जनवरी तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन लिए जाएंगे। ये तिथियां हर वर्ष के लिए होगी।

सितंबर की परीक्षा के लिए यह है शेड्यूल

सामान्य परीक्षार्थियों के लिए समान्य शुल्क के साथ 16 जनवरी से 30 जून तक आवेदन, विलंब शुल्क के साथ एक से 15 जुलाई तक आवेदन करेंगे। अवसर के परीक्षार्थियों के लिए अप्रैल में परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद अगले दिवस से 30 दिन के भीतर तक सामान्य शुल्क के साथ आवेदन , एक से 15 जुलाई तक विलंब शुल्क के साथ परीक्षा आवेदन फार्म जमा कर सकेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की स्थापना की थी।

नियमित पढ़ाई नहीं कर पाने वाले विद्यार्थियों के हित को देखते हुए वर्ष में दो बार मुख्य परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है।