महाराष्ट्र में मिर्च की खेती करने वाले किसान इन दिनों परेशानियों का सामना कर रहे हैं. मिर्च की फसलों पर कीटों का अटैक बढ़ने से उत्पादन में भारी गिरावट आई है. भंडारा जिले को चावल उत्पादक जिले के रूप में जाना जाता है. लेकीन पिछले कुछ सालों में किसानों ने नगदी फसल के रूप में मिर्च की खेती शुरू कर दी है. लेकीन इस साल मिर्च पर ब्लाक थ्रिप नामक कीट और बोकड़ा बीमारियों का भारी असर पड़ा है. इससे मिर्च की गुणवत्ता खराब हो गई.और उत्पादन में भारी गिरावट भी देखी जा रही है. वहीं व्यापारियों ने भी ऐसी मिर्च की खरीद से मुंह मोड़ लिया है. इससे मिर्ची किसान आर्थिक संकट में हैं.
जिले की मिर्च दिल्ली और बैंगलोर में व्यापारियों द्वारा बेची जाती थी. उस समय रेट करीब 70 रुपये प्रति किलो था. और अब इस समय किसानों को मिर्च का 14 रुपये से लेकर 18 रुपये प्रति किलो तक का दाम मिल रहा हैं. इस वर्ष वातावरण में बदलाव के कारण मिर्ची में कुरकुरे, सिकुड़े, कीटों और पपड़ी रोग का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इस रोग के कारण मिर्च की उत्पादन क्षमता कम होने से मिर्च की वृद्धि रुक गई है.कम उत्पादन और मिर्च की गुणवत्ता खराब होने के कारण व्यापारियों ने मिर्च की ख़रीदी के लिए कोई व्यापारी नहीं मिल रहा हैं. ऐसे में किसान कम भाव में मिर्च बेचने के लिए मजबूर हैं.
क्या कहना है किसानों का
जिले के किसान बताते है कि इस समय मिर्च की फसल नहीं हुई है. इससे मिर्च की खेती का खर्चा नहीं निकल पाएगा. उत्पादन घटने के साथ ही मिर्च की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही और इसके चलते भाव नहीं मिल रहा हैं. इसलिए भंडारा जिले में मिर्च की मांग को संतुलित करने के लिए मंडियों में।नागपुर और अमरावती जिलों से मिर्च का आवक पहुंच रही है. नतीजतन, इस साल दिल्ली और बेंगलुरु जाने वाली मिर्च की खेप नहीं जाने से किसानों को परेशानी हो रही हैं.
भंडारा जिले में मिर्च की क्या स्थिति है
भंडारा जिले में 900 हेक्टेयर में मिर्च की खेती की गई है। कुल उत्पादन 63 हजार प्रति एकड़ 30 क्विंटल उपज मिर्च की फसल पर ब्लैक थ्रिप कीट, मुरदा, बोकाड़िया रोग का प्रकोप तेज़ी से बढ़ रहा है.नागपुर और अमरावती जिलों से बड़ी मात्रा में मिर्च का आवक मंगाया जारहा है. मिर्च की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण व्यापारी मिर्च खरीदने से कतरा रहे हैं
नंदुरबार में भी मिर्च की आवक घटी
नंदुरबार कृषि उपज मंडी समिति देश की दूसरी सबसे बड़ी मिर्च मंडी हैं. इस मार्केट कमेटी में फिलहाल मिर्च की आवक काफी कम हो गई है. मिर्च पर बीमारियों के प्रकोप और भारी बारिश और वापसी बारिश के कारण मिर्च का उत्पादन बुरी तरह से कम हो गया है.इसके चलते मिर्च की उत्पादन में भारी गिरावट आई हैं. और बाजार में मिर्च की आवक कम हो गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल मिर्च का उत्पादन में 50 प्रतिशत की कमी आई है.
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