गरीबों का चावल डकार गए खाद्य अधिकारी और सेल्समैन…

महासमुंद, 05 दिसम्बर  महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक में खाद्य अधिकारी ललिता शर्मा की मनमानी और ऑफिसर शाही के चलते लोगों को उनके हक़ का पूरा राशन नहीं मिल पा रहा है। शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में हितग्राहियों को 15 से 20 किलो तक कम चावल मिल रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी मामले को नजरअंदाज कर गरीबों का हक मार कर अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं।

आपको बता दें कि महासमुंद जिले में खाद्य विभाग में यह कोई पहली भ्रष्टाचार की घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बड़ी भ्रष्टाचार की घटनाएं उजागर हो चुकी है, लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी गरीबों का हक मारकर अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं। केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, जब गरीबों की बात  अति है तो बड़े-बड़े ढकोसला वादे करते नजर आते हैं। लेकिन ग्राउंड जीरो पर इनकी स्थिति पूरी शून्य है। हम आपको बता रहे हैं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल और मई माह में अतिरिक्त चावल आवंटित किया गया था। लेकिन बसना खाद्य अधिकारी ललिता शर्मा और सेल्समैन ने बड़े पैमाने पर चावल की हेरा फेरी की है।

बसना ब्लॉक के ग्राम पंचायत बड़े टेमरी के हितग्राहियों को केवल राज्य सरकार द्वारा वितरित किए जाने वाले चावल कहीं वितरण किया गया है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल माह का अतिरिक्त चावल मई के साथ दिया गया था, जो मई माह में प्राथमिकता कार्ड धारियों के 3 सदस्य वालो को 35 किलो के जगह 50 किलो व अंत्योदय कार्ड के तीन सदस्य वालो को 45 किलो के जगह 65 किलो राशन मिलना था। लेकिन हितग्राहियों को नही मिला है। जबकि बीपीएल कार्ड धारी 4 सदस्यों को 60 किलो के बजाए 40 किलो दिया गया है। केंद्र सरकार ने पहले ही दुकान संचालकों को पर्याप्त मात्रा में राशन आवंटन किया है।

इस पूरे भ्रष्टाचार के मामले पर बसना खाद्य विभाग अधिकारी ललिता शर्मा मीडिया कैमरे के सामने आने से बच रही है, और अपने उच्च अधिकारी एसडीएम से वर्जन लेने की बात करती है, जो साफ-साफ भ्रष्टाचार को जाहिर करता है। वही हेमंत रमेश नंदनवार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली हैं। जैसे मुझे रिटर्न में मुझे शिकायत प्राप्त होगी तो फूड इंस्पेक्टर को बोलकर जांच करवाऊंगा।