अंबिकापुर। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती 4 नवजात बच्चों की मौत के बाद यहां हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार SNCU वार्ड में भर्ती 4 प्रीमेच्योर बच्चों की सोमवार सुबह मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि बिजली गुल हो जाने के कारण वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन अस्पताल प्रबंधन का कहना कुछ और ही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे क्रिटिकल अवस्था मे थे। इस घटना जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने घटना की जांच के निर्देश दिए है, और वे अंबिकापुर के लिए रवाना हो गए हैं।
दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित मातृ शिशु वार्ड में यहां नवजात बच्चों की हालत को देखते हुए विशेष देखभाल के लिए बच्चों को स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट आ में रखा गया था। मगर रविवार रात को अस्पताल में लगभग 45 मिनट तक बिजली बंद रही। इसे बीच सोमवार सुबह पता चला कि 4 बच्चों की जान चली गई है। अपने नवजातों के मौत की जानकारी मिलते ही परिजन बिलखने लगे, इस बीच उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में रात में बिजली बंद हुई थी। जिसके चलते बच्चों की मौत हुई है। वहीं अस्पताल के स्टाफ के लापरवाही ने नवजात बच्चों की जान ले ली है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने इस बात से इनकार कर दिया है।
प्रबंधन ने इस बात से इनकार कर दिया कि इसमें स्टाफ की कोई लापरवाही है उनका कहना है कि बिजली बंद हुई थी। लेकिन SNCU और ICU में वैंटिलेटर और ऑक्सीजन स्प्लाई चालू थी। प्रबन्धन ने यह भी कहा है कि बच्चों की हालत पहले से नाजुक थी। घटना के बाद अस्पताल के डीन रमणेश मूर्ति, कलेक्टर कुंदन कुमार और सीएमएचओ पीएस सिसोदिया समेत सभी बड़े अधिकारी अस्पताल पहुंच गए हैं। फिलहाल मामले में जांच जारी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिल गई है, उन्होंने हेल्थ सेक्रेटरी को इस पर तत्काल जांच कमेटी बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री को भी इसकी सूचना दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे स्वयं मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाएंगे और इसकी जानकारी लेंगे। इसके अलावा अस्पताल की कमियों को दूर किया जाएगा।
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मैंने डॉक्टरों से बातचीत की है। उनसे जानकारी मिल रही है कि 2 बच्चे प्रीमेच्योर थे जिसकी वजह से वेन्टीलेटर पर रखा गया था। वहीं एक बच्चा एक्सग्रेशिया से ग्रसित था, एक बच्चे को हार्ट में समस्या थी। जिसकी वजह से उसे आईसीयू में रखा गया था। परिजनों का भी बयान मैनें सुना है, जिसमें वे बता रहें की बच्चे को किस तकलीफ की वजह से अस्पताल लाया गया था। इस पूरे मामले में जांच के बाद ही अगर कोई इस मामले में जिम्मेदार होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
[metaslider id="347522"]