धमतरी-जिले के गोठानों में पैरा दान कर रहे किसान

धमतरी, 3 दिसंबर | खरीफ फसल की कटाई के बाद अधिकांश किसान पैरा को खेतों में ही जला देते हैं, जिसका वातावरण पर विपरीत असर पड़ता है। धुएं के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है, वहीं खेतों में पराली जलाने से चारा नष्ट हो जाता है। कलेक्टर पीएस एल्मा द्वारा लगातार बैठक लेकर किसानों से अपील की जा रही है कि वो खेतों में इसे जलाने की बजाय पैरा को गोठान समितियों को दान में दे, जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और मवेशियों को भी उचित मात्रा में चारे के रूप में पैरा मिल जाएगा। इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जिले के कई किसान अब गोठान समितियों को पैरा दान कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के 261 गोठानों में अब तक 1041 टन पैरा का संग्रहण किया जा चुका है। यह मात्रा और बढ़ती जा रही है।

कलेक्टर पीएस एल्मा द्वारा जिले के गोठानों में पशुओं के लिए पैरा सुरक्षित रखने और खेतों में जलने से बचाने के लिए गोठान नोडल एवं सचिव को पैरादान करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उप संचालक, कृषि मोनेश साहू ने बताया कि जिले के 261 गोठानों में अब तक 1041 टन पैरा का संग्रहण कर पशु आहार के लिए सुरक्षित किया गया है। इनमें धमतरी विकासखंड के 92 गोठानों में 487 टन, कुरुद के 90 गोठानों में 200 टन, मगरलोड के 54 गोठानों में 314 टन और नगरी के 25 गोठानों में 40 टन पैरा शामिल है। साथ ही पराली जलने से बचाया गया है। उन्होंने बताया कि गोठानों में ज्यादा से ज्यादा पैरा संग्रहण करने का प्रयास किया जा रहा है तथा आने वाले दिनों में पैरा संग्रहण की मात्रा बढ़ेगी। बताया गया है कि सभी गोठानों में 150 से 200 ट्रली पैरा संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।