श्रम विभाग के कर्मियों के लिए तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित
धमतरी 2 दिसंबर । जिले में मानसिक स्वास्थ्य इकाई के द्वारा कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन एवं मानसिक दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा श्रम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ‘कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन’ के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रम विभाग के कर्मचारियों को कार्यस्थल पर उत्पन्न होने वाले तनाव और उसके उचित प्रबंधन सहित नशे से होने वाले शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई।
साथ ही किसी भी तरह की मानसिक समस्या होने पर स्वास्थ्य केन्द्र व जिला चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज सुविधा के संबंध में भी विस्तार से चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया: “तनाव के बढ़ने से अवसाद की स्थिति निर्मित होती है इसलिए हमें समय रहते अपनी तनाव का प्रबंधन करना बहुत जरूरी हैं। अपनी नियमित दिनचर्या में से कुछ समय खुद के लिए निकालना बहुत जरूरी है। इस दौरान ध्यान, योगा, मेडिटेशन आदि के माध्यम से मन को शांत किया जा सकता है।“
कार्यशाला के दौरान क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक द्वारा तनाव के कारक , लक्षण तथा तनाव होने पर व्यहारात्मक ,संज्ञानात्मक, भावनात्मक ,शारीरिक ,जैविक समस्या के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कार्यस्थल पर होने वाले तनाव जैसे -एक ही समय में एक से ज्यादा काम, कार्य की अधिकता, घर और ऑफिस में संतुलन बनाए रखने का तनाव, टीम वर्क में तालमेल नहीं होने पर तनाव, टारगेट समय पर पूरा करने का तनाव, सहकर्मियों से सहयोग नहीं मिल पाने का तनाव (corporation), इत्यादि पर चर्चा कर एक्टिविटी के माध्यम से ही इन सभी से तालमेल बैठाने के तरीके जैसे टाइम मैनेजमेंट टेक्निक, असर्टिंवनेस टेक्निक, प्रॉब्लम सॉल्विंग टेक्निक , मेडिटेशन ,रिलैक्सेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज ,वेंटीलेशन टेक्निक इत्यादि बताया गया। उपरोक्त कार्यशाला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के मंडल , सिविल सर्जन डॉ. ए के टोंडर के निर्देशानुसार एवं नोडल अधिकारी डॉ. जे एस खालसा के सफल मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ. रचना पद्मावर ने कार्यशाला के सफल आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
काउंसिलिंग साइकोथेरेपी के बारे में जानकारी- कार्यशाला के दौरान क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने बताया: “जिले में स्पर्श क्लिनिक के माध्यम से कार्यस्थल पर तनाव का प्रबंधन एवं मानसिक अस्वस्थता के दुष्परिणाम के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या होने पर कोई भी व्यक्ति जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लिनिक, ओपीडी नंबर 116 में आकर इलाज करवा सकते हैं। स्पर्श क्लिनिक में निशुल्क दवाइयां, काउंसलिंग साइकोथेरेपी भी होती है, इसके बारे में भी जानकारी दी गई।“
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