पत्रकारों के लिए आरक्षित भूमि को नजूल अधिकारी ने भू माफिया के साथ मिलकर किया आधा

अम्बिकापुर। सरगुजा प्रेस क्लब के सदस्यों ने मंगलवार को जनदर्शन में सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में पत्रकार गृह निर्माण समिति के लिए आरक्षित भूमि में तत्कालिन नजूल अधिकारी द्वारा षडयंत्र पूर्वक हेरफेर कर एक निजी भूमाफिया को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रस्तावित 2 एकड़ 60 डिसमिल जमीन को 1 एकड़ 4 डिसमिल कर दिए जाने का विरोध जताया है। इसके साथ ही सरगुजा प्रेस क्लब ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन मे भू माफिया के पाइप फैक्ट्री जो शासकीय भूमि में संचालित है उसकी जांच की मांग की है।

सरगुजा प्रेस क्लब व पत्रकार गृह निर्माण समिति का आरोप है कि भू माफिया मिशन चौक स्थित सीमेंट पाइप फैक्ट्री का शासकीय भूमि में अवैध रूप से करोबार कर रहा है एवं कई एकड़ शासकीय भूमि को अवैध तरीके से पटवारी,आर आई व राजस्व विभाग के बड़े अधिकारियो की मिलीभगत से अपने हिस्से में कराने की फिराक में है। जिसका सरगुजा प्रेस क्लब व पत्रकार गृह निर्माण समिति ने विरोध जताते हुए तत्कालीन नजुल अधिकारी एवं भू माफिया के पाइप फैक्ट्री की भूमि की जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि सरगुजा प्रेस क्लब अंतर्गत पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्य गत 8 वर्षों से प्रशासन एवं शासन से आवासीय भूमि की मांग किए थे।गत वर्ष  2013 एवं 15-16 में तत्कालीन कलेक्टर रितु सेन एवं  आर प्रसन्ना ने अंबिकापुर नगर के मिशन चौक स्थित पाइप फैक्ट्री के पीछे 3 एकड़ शासकीय भूमि आरक्षित कराया था।अभी कुछ महीने पहले ही सरगुजा प्रेस क्लब व पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्यों ने शहर के 4 पटवारी व तीन आराई के साथ भूमि का नाप जोख करवा कर मौके पर 2 एकड़ 60 डिसमिल जमीन निकलवाया था,जिसके बाद वह भूमि अपने नाम आवंटन के लिए नजूल अधिकारी के यहां आवेदन लगाया गया था। जिसमें पहले तो तत्कालीन नजूल अधिकारी ने दावा आपत्ति तिथि बीत जाने के बाद भी एक व्यक्ति के द्वारा आपत्ति लिया उसके बाद उसके लगातार चार पांच पेशी में उपस्थित नहीं होने के बावजूद उसकी आपत्ति को खारिज नहीं किया और उल्टे पत्रकार गृह निर्माण समिति के लिए प्रस्तावित 2 एकड़ 60 डिसमिल भूमि को 1 एकड़ 4 डिसमिल करते हुए शासन के पास भेजने की तैयारी थी। जिसकी भनक पत्रकार गृह निर्माण समिति के सदस्यों को लगी तो वह मंगलवार को जनदर्शन में पहुंचकर सरगुजा कलेक्टर के समक्ष विरोध जताया और ज्ञापन सौंपते हुए तत्कालीन नजूल अधिकारी एवं भू माफिया के जमीन की जांच की मांग की है।

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