नई दिल्ली : बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों की मदद करने और उत्पादन संयंत्रों को उनकी क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए सरकार बिजली खरीदेगी. विद्युत मंत्रालय ने पांच साल के लिए कुल 4500 मेगावाट बिजली खरीदने की तैयारी कर ली है. मंत्रालय ने खरीद के लिए पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड नोडल एजेंसी नामित किया है.
4500 मेगावाट बिजली खरीद की योजना
ठंड के मौसम में बिजली की खपत अन्य दिनों की तुलना में अधिक रहती है. ऐसे में अब कुछ राज्य बिजली की कमी झेल रहे हैं. इस समस्या को दूर करने और बिजली उत्पादन ढांचे का आगे तक के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से विद्युत मंत्रालय ने पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड को बिजली खरीद योजना के लिए नोडल एजेंसी नामित किया है. योजना के तहत पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं.
पहली बार शक्ति योजना के तहत बोली
ऐसा पहली बार है कि शक्ति योजना के बी (v) के तहत बोली लगाई जा रही है. साथ ही इस बोली में मध्यम अवधि के लिए संशोधित पीपीए का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2023 से बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी. कोयला मंत्रालय से इसके लिए करीब 27 एमटीपीए कोयला आवंटित करने का अनुरोध किया गया है. इस योजना से बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों को मदद मिलने की उम्मीद है और इससे उत्पादन संयंत्रों को क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
इन कंपनियों ने योजना में दिखाई दिलचस्पी
जिन कंपनियों ने विद्युत मंत्रालय की बिजली खरीद योजना के लिए बोली में हिस्सा लेने का इच्छा जाहिर की है उनमें शामिल हैं ये कंपनियां- गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, नई दिल्ली नगर निगम और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड.
बोली जमा करने की अंतिम तिथि 21 दिसंबर 2022 है.
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