सफलता की कहानी -“बदलता दन्तेवाड़ा” : नई तस्वीर हुनर का हर हाथ मुश्किल घड़ी में कालीचन्द को मिला ग्राम स्वरोजगार का साथ

दंतेवाड़ा, 29 नवंबर । दंतेवाड़ा के गीदम विकासखंड के अर्न्तगत ग्राम झोडि़याबाड़म कुंजाम पारा निवासी कालीचन्द अग्रवाल का जीवन पहले संघर्षों से भरा रहा है। लेकिन अब उनकी और उनके परिवार की जिंदगी ग्राम स्वरोजगार केन्द्र जिला प्रशासन द्वारा सहायता लेने से संवर गई है। कालीचन्द अग्रवाल ने गांव के पारा में अब किराना सामान की दुकान चलाते है, जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है।


उन्होंने देखा कि यहां के पारावाले दूर दूसरे पारा में किराना समान लेने जा रहे थे। इसलिए उन्होंने किराना दुकान खोलने की सोची। श्री कालीचन्द ने पहले छोटी दुकान की शुरुआत की इसके बाद वह उसे बढ़ाने हेतु प्रयास करने लगा। किंतु कम आय होने के कारण अच्छी आमदनी नहीं मिल पाती थी जिससे वह अपनी दुकान में सामान बढ़ा सके।


एक दिन गांव के पंचायत में ग्राम सभा के बैठक हुआ जिसमें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के द्वारा आयोजित शिविर लगा। जिससे उन्होंने जानकारी प्राप्त कर किराना व्यवसाय हेतु ऋण लेकर दुकान बढ़ाने का सोचा। इस प्रक्रिया में वह उद्योग विभाग से अधिक जानकारी एकत्रित कर अपना आवेदन तैयार कर जिला मुख्यालय में अपना प्रकरण जमा किया। जिसमें विभाग ने भी श्री कालीचन्द अग्रवाल को पूरा सहयोग प्रदान किया। जिसके बाद उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सहायता ऋण 50 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया। चेक को अतिशीघ्र गीदम स्थित पंजाब नेशनल बैंक में जमा कर उनको 50 हजार रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। उस ऋण से उन्होंने अपने दुकान में अनेक प्रकार का किराना एवं फैंसी सामान रखा और उन सामानों का विक्रय कर अच्छा खासा आमदनी प्राप्त हो जाता हैं। जिससे उनकी माह में 10 से 15 हजार रूपये तक आमदनी हो जाता हैं। जिससे वह अब बहुत खुश हैं। अब ग्राम स्वरोजगार योजना से सहायता लेकर उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो गया है। अब वह अपने परिवार के साथ सम्मान जनक जीवन यापन कर रहा हैं। आर्थिक मदद के लिए श्री कालीचन्द ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि ग्राम स्वरोजगार योजना ऐसी अहम योजना है जो जरूरतमंद लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है। ऐसे ही कई ग्रामीण युवक-युवतियों को रोजगार मिल रहा है।

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