बिलासपुर,27नवंबर।सड़क सुरक्षा समिति के अनुशंसा के बाद शासन ने सभी सरकारी व निजी एंबुलेंस को जीपीएस सिस्टम से लैस करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी जिले के स्वास्थ्य विभाग को पांच दिसंबर तक का समय दिया गया है। इस अवधि में सरकारी व गैर सरकारी एंबुलेंस में हर हाल में जीपीएस सिस्टम शुरू करना होगा। जिन एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम नहीं रहेगा, उनका परिचालन रोक दिया जाएगा।बीते नवंबर माह में प्रदेश सड़क सुरक्षा समिति की रायपुर में बैठक हुई थी। इसमें राज्य में चल रही एंबुलेंस के खस्ताहाल होने की बात को गंभीरता से लिया गया। साथ ही यह कहा गया कि एंबुलेंस गंभीर मरीज को लाने ले जाने का कार्य करती है। दूरस्थ स्थान से भी मरीज लाए जाते हैं। लेकिन कई बार रास्ते में एंबुलेंस खराब हो जाती है। ऐसे में मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए दूसरी एंबुलेंस की आवश्यकता पड़ती है। एंबुलेंस चालक फोन के माध्यम से संपर्क करता है, इसके बाद भी कई बार लोकेशन खोजने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में जीपीएस सिस्टम होने से सही जगह पर समय पर मदद पहुंचेगी। आदेश में साफ किया गया है कि सरकारी के साथ निजी अस्पताल को भी अपनी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। पांच दिसंबर के बाद जितनी भी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगा है, उसकी जानकारी देनी होगी। जिन एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम नहीं रहेगा, उनसे मरीजों को लाने ले जाने की अनुमति छीन ली जाएगी।
इस वजह से भी जरूरी है जीपीएस
दरअसल सड़क सुरक्षा समिति में शामिल होने आए परिवहन, स्वास्थ्य और पर्यावरण के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में चल रही एंबुलेंस की हालत पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही समय-समय पर एंबुलेंस चालकों द्वारा मरीजों को बरगला कर दूसरे अस्पतालों में ले जाने की खबर भी प्रकाशन होती रहती है। इसके बाद अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है। इसके बाद भी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाने पर जोर दिया गया है। इससे एंबुलेंस की मानिटरिंग करना आसान हो जाएगा। वहीं, एंबुलेंस वालों की मनमानी भी समय-समय पर सामने आ सकेगी।
108 से लेकर अन्य सरकारी वाहन में नहीं है जीपीएस सिस्टम
सरकारी एंबुलेंस पर ध्यान दिया जाए तो किसी में भी जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है। जिले में संचालित होने वाले 22 संजीवनी एक्सप्रेस 108 में शुरुआत में यह सिस्टम लगा था। लेकिन समय के साथ यह खराब हो चुका है। इसके अलावा सिम्स, जिला अस्पताल के साथ अन्य सरकारी चिकित्सा केंद्र मिलाकर 60 से ज्यादा एंबुलेंस चल रही हैं। लेकिन किसी में भी जीपीएस सिस्टम नहीं है। वहीं निजी तौर पर 300 से ज्यादा एंबुलेंस सड़क पर दौड़ रही हैं। इनमें से 90 प्रतिशत जीपीएस विहीन हैं।
क्या कहता है विभाग
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से सरकारी व गैर सरकारी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाने का निर्देश मिला है। पांच दिसंबर तक सभी एंबुलेंस में जीपीएस सिस्टम होना चाहिए। इसके बाद जिन वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं होगा, उन्हें परिचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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