हसदेव एजुकेशन महाविद्यालय आमापाली तिलकेजा में मनाया गया संविधान दिवस

कोरबा/करतला, 26 नवम्बर । हसदेव एजुकेशन महाविद्यालय आमापाली तिलकेजा में संविधान दिवस का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता और संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का स्मरण कर किया गया। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य श्रीमती सुजाता बनकर जी ने संविधान की आवश्यकता और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जिससे ठीक 2 माह पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था, संपूर्ण विश्व में हमारा भारत देश का संविधान सबसे बड़ा है जिसे 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में तैयार किया गया था, संविधान की मूलप्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा जी के द्वारा इटैलिक में लिखी गई थी।

संविधान किसी भी देश का मौलिक कानून है जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण करता है, साथ ही यह सरकार और देश के नागरिकों के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में इसकी घोषणा की थी तब से हर वर्ष आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर शासन संचालन का है विज्ञान, सबसे प्यारा हमारा संविधान। भारत देश का को संविधान है, हर भारतवासी का अभिमान है। संविधान देता है समानता का अधिकार, अब इंसान नही कर सकता है, इंसान का तिरस्कार। इत्यादि नारे संविधान दिवस के अवसर पर लगाए गए।
इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य श्रीमती सुजाता बनकर जी की अध्यक्षता में एवं सभी प्राध्यापक एवं प्राध्यापिका उत्तम कुमार गढेवाल, रामचरण टण्डन, श्रीमती मंजूलता शर्मा, श्रीमती अर्चना श्रीवास, प्रदीप कुमार शुक्ला, श्रीमती प्रियंका शुक्ला, सुश्री नेहा सिंह, अंचला शुक्ला, रामानुज निषाद एवं अशैक्षणिक ओमप्रकाश यादव ,बचन सिंह एवं अमृत सिंह कंवर व बी.एड. प्रथम वर्ष एवं बी.एड. द्वितीय वर्ष के सभी छात्र/छात्राएँ उपस्थित थे ।