कोरबा,26 नवंबर | स्वास्थ्य विभाग कोरबा तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभा कक्ष में एनिमिया मुक्त भारत के संबंध में कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एनीमिया के कारण, लक्षण एवं बचाव के बारे में तथा शासन द्वारा चलाये जा रहे एनीमिया मुक्त भारत के प्रयासों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वे अपने विकासखण्ड में एच.बी. परीक्षण सामान, उपभोग सामग्रीयां, आई.एफ.ए.(आयरन फोलिक एसीड) टैबलेट स्टॉक की उपलब्धता सुनिष्चित करेगें। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास के द्वारा आंगनबाडियों में लक्षित बच्चों गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओ और किशोरियों को आईएएफ.ए. के अतिरिक्त पोषण आहार दिया जाना सुनिष्चित करें। सीएमएचओ ने शिक्षा विभाग से स्कूलों में प्रदान की जाने वाली एनीमिया के उपचार के लिए दवाईयों का जानकारी लेकर रिपोर्टिंग सही समय पर करने के लिए निर्देशित किए।
सीएमएचओ डॉ एसएन केसरी ने बताया की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बच्चों, युवाओं,प्रजनन आयुवर्ग के महिलाओं और गर्भवती स्तनपान कराने वाली महिलाओ के स्वास्थ्य एवं पोषण की जरूरतों पर विशेष ध्यान देने के लिए एनिमिया मुक्त कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसके तहत एच.बी. परीक्षण और उपचार आई.एफ.ए.पूरक आहर तथा आयरन युक्त भेजन को बढावा दिया जाना है। इस अभियान में लक्षित लाभार्थी 6 माह से 59 महीने के बच्चे, 5 से 9 साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर, प्रजनन आयु की गर्भवती एवं शिशुवती महिलाएं शामिल है। इस बैठक में शिक्षा विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग,उच्च शिक्षा विभाग के प्राचार्य, स्वास्थ्य विभाग से डॉ.सीके सिंह डी.एच.ओ., डॉ. के.के.देवांगन डी.आई.ओ., डॉ.असरफ अंसारी डी.पी.एम., ज्योत्सना ग्वाल सी.पी.एम., डॉ.हर्षा ताम्रकार आर.एम.एन.सी.एच.ए. सहित प्रायेवट स्कूल प्राचार्य, एन.जी.ओ., रोकोटोको वैलेंटीयर, भारत स्काउट गाईड तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जिले को एनिमिया मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ,महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग का सामंजस्य बनाकर कार्य करना है। तभी कोरबा जिला एनिमिया से मुक्त होगा। उन्होंने कहा की स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों तथा स्वास्थ्य कार्यकार्ता के द्वारा लोगो को विशेषकर महिलाओ (15 से 49 वर्ष) की जांच नियमित की जा रही है। मानक स्तर एच.बी. 11 से कम होने पर उनका इलाज किया जा रहा है, इलाज कराने वाले मरीजों की काउसिलिंग भी किया जाना है। इस अवसर पर यूनिसेफ के जिला सलाहकार श्री ऋषभ तिवारी ने जन जागरूकता संचार सामग्री के उपयोग के संबंध में तथा किसी जनजगारूकता कार्यक्रम में ले जाने के लिए कहॉ उपलब्ध होगा के संबंध में बताया। इस कार्यक्रम में एनीमिया जागरूकता के संबंध में प्रतिभागियो ने संकल्प लिए।