रायपुर, 22 नवम्बर । ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के लिए प्रेरित करने और आय अर्जित कराने के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन ने स्थानीय उद्यमी महिलाओं को मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया। शनिवार को आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रायपुर एनेर्जेन लिमिटेड के आसपास के ग्राम पंचायत रायखेड़ा, चिचोली, गैतरा एवं तराशिव की कुल 45 महिलाओं ने भाग लिया। अदाणी फाउंडेशन के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक डॉ. के.के वर्मा ने मशरुम उत्पादन पर उपस्थित महिलाओं को मशरूम उत्पादन की आधुनिक जानकारी तथा प्रयोगात्मक डेमो देकर घरों में मशरूम की खेती अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षण के दौरान दो प्रकार के मशरूम के बारे जानकारी दी गयी जिसमें ओएस्टर मशरूम के उत्पादन हेतु सभी को प्रेरित किया गया। इस विधि के बारे में प्रशिक्षण में पूरी जानकारी प्रदान कर प्रयोग के माध्यम से पैरा कट्टी को उपचारित कर उसमे बीज को मिलाने तथा उनके पेकिंग कर पॉलीथिन में बांध कर पूरी तैयारी कैसे करते है इन सभी विषयों पर विस्तार पूर्वक बताया गया। प्रशिक्षण में महिलाओं के द्वारा घर में रहकर ही एक अच्छी आमदनी प्राप्त करने हेतु मशरूम के बीज की उपलब्धता से लेकर उत्पादों को बाजार में बेचने की सुविधा इत्यादि के बारे में सविस्तार जानकारी प्रदान की गयी। मशरूम में सबसे ज्यादा न्यूट्रीएंट्स उपलब्ध होने की वजह से रेस्तरां और घरों में इसकी खपत बढ़ती जा रही है। वहीं इसकी खेती, किसी बड़ी भूमि के बजाय एक छोटे से कमरे में भी किया जा सकता है। साथ ही बाजार में कीमत भी अच्छी मिलती है। जिससे महिलाओं को अतिरिक्त आय सुनिश्चित होगी।
इस कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम ताराशिव से संध्या वर्मा, मीना सेन, लता सेन सरोज वर्मा व ग्राम चिचोली के मीणा साहू, सत्या कन्नौजे, सविता बंजारे तथा रायखेड़ा के संतोषी तुरकाने, किशनी तुरकाने एवं उनके समूह के अन्य महिलाओ ने इस विधि से अपने घरो में मशरूम उत्पादन करने की बात कही। अदाणी फाउंडेशन से कार्यक्रम प्रबंधक दीपक कुमार सिंह ने सभी महिलाओ को इस कार्य को अपने घरो में करके आय अर्जित करने व अपने परिवार के आर्थिक आमदनी को बढ़ाने में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया।
अदाणी फाउंडेशन द्वारा रायपुर एनेर्जेन लिमिटेड रायखेड़ा के सामाजिक सरोकारों के तहत शिक्षा स्वास्थ्य आजीविका संवर्धन और अधोसंरचना विकास के कई कार्यक्रम संचालित करता है। जिसमें आजीविका संवर्धन में महिला स्व सहायता समूहों को सिलाई के साथ साथ विभिन्न कृषि उत्पादों के बारे में जानकारी देकर प्रोत्साहित करती है।
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