रायपुर । प्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों में उनकी प्रतिभा के अनुरूप कौशल विकसित करने के लिए सुघ्घर पढ़वईया योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाल दिवस के अवसर पर इस योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत बच्चों में उत्कृष्ट अकादमिक कौशल विकसित करने के लिए स्कूलों को पुरस्कार भी मिलेगा। प्लेटिनम पाने वाले स्कूलों को एक लाख रूपए, गोल्ड पाने वाले स्कूलों को 50 हजार रूपए और सिल्वर पाने वाले स्कूलों को 25 हजार रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। उन्हें देखकर और भी शिक्षक अच्छे से कार्य करने के लिए प्रेरित हो सकेंगे। अधिक से अधिक शिक्षक सकारात्मक कार्य करने के लिए टीम बनाकर बेहतर माहौल बनाने में सफल होंगे। विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक स्कूलों को बेहतर स्कूलों के रूप में विकसित करने की जवाबदेही लेने से सरकारी स्कूलों की छवि में अप्रत्याशित सुधार दिखाई देगा और प्रदेश के सरकारी स्कूल असरकारी प्रभाव दिखाने में सफल हो सकेंगे।
यह योजना राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिए है। स्कूल के शिक्षक आपस में राय करके कभी भी योजना में शामिल हो सकते हैं। योजना में शामिल होने के लिए स्कूल को वेब-पोर्टल पर आवेदन करना होगा। स्कूलों की प्रतिस्पर्धा एक दूसरे से नहीं बल्कि स्वयं से ही है। स्कूलों के सभी शिक्षकों को साथ मिलकर स्कूल के सभी विद्यार्थियों में अकादमिक कौशल विकसित करना है। प्रमाण पत्र के लिए पात्रता तभी होगी जब पूरा स्कूल प्रमाण पत्र का पात्र होगा। किसी एक शिक्षक, एक विद्यार्थी या एक कक्षा के लिए प्रमाण पत्र नहीं होगा। जो स्कूल योजना में शामिल होंगे उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनुरोध करने पर ऑन डिमॉड प्रशिक्षण तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन स्कूलों को प्रमाण पत्र मिलेगा, उस स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को भी प्रमाण पत्र मिलेगा। प्रमाणीकरण की घोषणा थर्ड-पार्टी आंकलन के तत्काल बाद वेब-पोर्टल पर की जाएगी। प्रमाण पत्र स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोहपूर्वक प्रदान किया जाएगा।
स्कूल के सभी विद्यार्थियों का आंकलन योजना के लिए स्वीकार किए गए समस्त अकादमिक कौशलों के लिए किया जाएगा और कम से कम 95 प्रतिशत विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल होने पर ही उस कक्षा के लिए और उस अकादमिक कौशल के लिए स्कूल को 01 अंक मिलेगा। 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप न्यूनतम अकादमिक कौशल मिलने पर उस कक्षा और अकादमिक कौशल के लिए शून्य अंक दिया जाएगा।
जिन संकुलों के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल ‘सुघ्घर पढ़वईया’ प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर किसी भी स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे उन्हें सुघ्घर पढ़वईया संकुल का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसी प्रकार जिस विकासखण्ड के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर किसी भी स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे उन्हें सुघ्घर पढ़वईया विकासखण्ड का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पर प्लेटिनम, 85 प्रतिशत या उससे अधिक परंतु 90 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर गोल्ड और 80 प्रतिशत या उससे अधिक परंतु 85 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर सिल्वर प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
यदि कोई स्कूल इस योजना में सिल्वर या गोल्ड प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेता है तो वह स्कूल आगे और प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया गोल्ड या सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर सकता है। इस योजना में निरंतर प्रगति का प्रयास किया जा सकता है। योजना में सभी स्कूल प्रयास करके सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
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