रायपुर,17 नवंबर। डॉ सर्वेश्वर भुरे ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के रेडक्रॉस सभाकक्ष में शिक्षा अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार नही होने पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुधार लाने के निर्देश दिए। बच्चों के शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने के साथ-साथ अनिवार्य रूप से पुनरावृत्ति भी कराने कहा। इसके लिए अतिरिक्त कक्षा भी लगाएं। उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के लिए यह आवश्यक है। स्कूलों में शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार बच्चों का चिन्हांकन करें और उन्हे समुचित ईलाज उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी करें। इसी तरह स्कूलों में चल रहे निर्माण कार्यो कों यथाशीघ्र पूर्ण करायें। इस बात का विशेष ध्यान रखें की शाला परिसर में स्थित शौचालय की नियमित रूप से साफ-सफाई हो। अधोसंरचना एवं निर्माण कार्यो अतिरिक्त कक्ष निर्माण और शाला का जीर्णाेद्वार कार्य में देरी ना करें। स्कूलों में फर्नीचर, विधुत, पेयजल आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो।
बैठक में उन्होंने जिले में संचालित शालाओं की संख्या के साथ-साथ दर्ज बच्चों और पदस्थ शिक्षको की संख्या की जानकारी भी ली। ऐसे विद्यालय जहां विशेष विषय के शिक्षक नही हैं, ऐसे विद्यालयों में पास के स्कूल से विषय पाठ्यक्रम को पूर्ण करने शिक्षकों की व्यवस्था की जा सकती है। परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए कमजोर बच्चों का चिन्हांकन करके उनका अलग से कक्षा लेकर अध्यापन कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिला और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्राचार्यों की नियमित रूप से बैठक लेकर समीक्षा करें। शिक्षकों को निर्देशित करें की गंभीरता से शैक्षणिक कार्यों में रुचि लें और बच्चों को नियमित रूप से अभ्यास कराये तथा पढाए गए पाठ्यक्रमों का साप्ताहिक परीक्षा लें। साप्ताहिक परीक्षा में शामिल और उत्तीर्ण छात्रों की संख्या का परीक्षण करें। उन्होंने जिले के हाई एवं हाई सेकंडरी स्कूलों का उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के लिए शेष शिक्षा सत्र में अध्यापन व्यवस्था को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में शिक्षा विभाग में संचालित निः शुल्क सरस्वती सायकल योजना, महतारी दुलार योजना, शिक्षा का अधिकार, मध्यान्ह भोजन योजना, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश वितरण आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का चिन्हांकन कर और उन्हें आवश्यकतानुसार चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कमजोर दृष्टि वाले बच्चों को चश्मा वितरण की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने कहा। इसी तरह विद्यालयों के श्रवण बाधित बच्चे जिनको रिफर किया गया उन्हे तत्काल अस्पताल ले जाएं। ऐसे बच्चे जिनका ऑपरेशन किया जाना है, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बना कर कार्य करें। इसी तरह स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने का कार्य राजस्व अधिकारियों से समन्वय बना कर यथाशीघ्र पूर्ण करें।
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