JBCCI की 7 वीं बैठक 30 नवम्बर को कोलकाता में कोल इंडिया के मुख्यालय में. ..इस बैठक का कोयला कामगारों को बेसब्री से इंतजार

JBCCI की 7वीं बैठक 30 को, DPE का पॉजिटिव रिस्पांस आया तो MGB पर बन सकती है बात!

नई दिल्ली, 17 नवम्बर। कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक की तारीख तय हो चुकी है। यह बैठक 30 नवम्बर को कोलकाता स्थित कोल इंडिया के मुख्यालय में होगी। इस बैठक का कोयला कामगारों को बेसब्री से इंतजार था। दरअसल यह बैठक यूनियन की ओर से 30 फीसदी एमजीबी की मांग और प्रबंधन द्वारा 10 प्रतिशत एमजीबी के प्रस्ताव पर अटकी बातचीत के तीन माह बाद हो रही है। इस बीच सीआईएल के इस पत्र के आलोक में कोयला मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग को कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों में छूट देने की अनुशंसा की थी। बताया गया है कि पत्र में 8वें वेतन समझौते के दौरान भी इस तरह की छूट दी गई थी।

इधर, बताया गया है कि वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग द्वारा कोयला मंत्रालय के पत्र पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। अब देखना यह होगा कि 30 नवम्बर को होने वाली जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक के पूर्व लोक उद्यम विभाग का जवाब आता है या नहीं। बताया जा रहा है कि 30 नवम्बर तक डीपीई को को सकारात्मक जवाब आया तो वेतन समझौते को लेकर बात आगे बढ़ सकती है और एमजीबी के कोई सम्मानजनक आंकड़े पर बात बन सकती है।11वें वेतन समझौते में बाधा बनी डीपीई की गाइडलाइन में छूट का मामला कोयला मंत्रालय से वित्त मंत्रालय तक पहुंच चुका है।

यहां बताना होगा कि 7 सितम्बर, 2022 को सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। इसमें कोयला मंत्रालय को बताया गया था कि जेबीसीसीआई- की छह बैठकें हो चुकी हैं। प्रबंधन ने पत्र में कोयला मंत्रालय को बताया था कि जेबीसीसीआई के यूनियन सदस्यों को बताया जा चुका है कि डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है, जैसा कि डीपीई गाइडलाइन के तहत अन्य सीपीएसई में वेतन समझौता होता है। सीआईएल निदेशक ने अपने पत्र में कहा था कि जब तक DPE की गाइडलाइन में छूट नहीं दी जाती कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढ़ना संभव नहीं है। पत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में ओवरलैपिंग की बात भी लिखी गई थी और कहा गया है कि ऐसा होने से कामगारों और अधिकारियों के मध्य वेतन संघर्ष की स्थिति निर्मित होगी।

सीआईएल के इस पत्र के आलोक में कोयला मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग को कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों में छूट देने की अनुशंसा की थी। बताया गया है कि पत्र में 8वें वेतन समझौते के दौरान भी इस तरह की छूट दी गई थी।इधर, बताया गया है कि वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग द्वारा कोयला मंत्रालय के पत्र पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। अब देखना यह होगा कि 30 नवम्बर को होने वाली जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक के पूर्व लोक उद्यम विभाग का जवाब आता है या नहीं। बताया जा रहा है कि 30 नवम्बर तक डीपीई को को सकारात्मक जवाब आया तो वेतन समझौते को लेकर बात आगे बढ़ सकती है और एमजीबी के कोई सम्मानजनक आंकड़े पर बात बन सकती है।

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