0.कमला नेहरू महाविद्यालय में युवाओं को मतदान और मतदाता जागरुकता के लिए स्वीप कार्यक्रम के तहत भाषण एवं प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर के दिशा-निर्देश में आयोजित स्पर्धा के दौरान उन्होंने स्वयं मौजूदगी दर्ज कराते हुए प्रतिभागी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
कोरबा,15नवंबर। कमला नेहरू महाविद्यालय में मंगलवार को मतदान एवं निर्वाचन प्रक्रिया से रूबरू कराते हुए जागरुक करने भाषण एवं प्रश्नमंच स्पर्धा का आयोजन किया गया। क्विज प्रतियोगिता में कॉलेज में अध्यनरत एमएससी रसायनशास्त्र की प्रथम सेमेस्टर की छात्रा ममता रात्रे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि इसी कक्षा के छात्र बसंत यादव दूसरे स्थान पर रहे। भाषण स्पर्धा में एमलिब एवं सूचना विज्ञान के छात्र विकास पांडेय प्रथम रहे और पीजीडीसीए के छात्र सुभाष पाल द्वितीय स्थान पर रहे। इलेक्शन क्विज प्रतियोगिता में कमला नेहरू कॉलेज के कुल 15 छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर रोचक एवं महत्वपूर्ण सवालों का सामना किया और उनके जवाब देने की चुनौती पार करने जोर-आजमाइश की। इनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्रा ममता रात्रे अव्वल रही। इसी तरह भाषण प्रतियोगिता में कुल पांच विद्यार्थियों ने मंच पर आकर अपने विचार प्रस्तुत किए और निर्णायकों को प्रभावित करने का प्रयास किया। उत्कृष्ट वक्तव्य प्रदान करने वाले छात्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। दोनों प्रतियोगिताओं के दौरान निर्णायक की जिम्मेदारी निभाते हुए महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक एवं हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती अर्चना सिंह, भूगोल विभागाध्यक्ष अजय मिश्रा एवं इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. सुशीला कुजूर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनकी निगरानी में कमला नेहरू महाविद्यालय के विजयी प्रतिभागियों का निर्णय किया जा सका। मंच संचालन रसायन शास्त्र की सहायक प्राध्यापक श्रीमती ज्योति दीवान एवं स्वीप कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती स्वप्निल जायसवाल ने किया।
जो रनर अप हैं, वे अब विजेता के गुरु बन जाएं: डॉ बोपापुरकर
इस अवसर पर कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि इस तरह की स्पर्धा से खुद की प्रतिभा का निखार होता है। कभी ये सोचें की मैं जीत गया अथवा हार गया। हमेशा यह विचार करें कि अगली बार क्या बेहतर करूं कि वर्तमान से श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकूं। डॉ. बोपापुरकर ने द्वितीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों से कहा कि अब वे जीतने वाले अपने प्रतिस्पर्धी छात्र के गुरु की जिम्मेदारी निभाएं, क्योंकि जो कमी रह गई, उसका आंकलन वे ही कर सकते हैं, ताकि कॉलेज के विजेता को अगले चरण में सफलता की ओर अग्रसर करने मदद कर सकें।
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