इंदौर । मधुमेह से बचना है तो हमें नियमित दिनचर्या अपनाना होगी। नियमित रुप से व्यायाम करें और संतुलित भोजन लें। खाने में सलाद को अनिवार्य रूप से शामिल करें। हो सके तो नियमित भोजन से पहले इसका इस्तेमाल करना चाहिए। सप्ताह में किसी एक दिन उपवास रखें और सिर्फ पानी और सलाद लें। स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा दी जाए तो हम उन्हें कई बीमारियों से बचा सकते हैं। हमें चाहिए कि 30 वर्ष की उम्र के बाद मधुमेह, रक्तचाप, थाइराइड व हृदय की नियमित जांच करवाते रहें। मधुमेह के प्रारंभिक लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, भूख अचानक से बढ़ना, वजन अचानक से कम होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना शामिल है। इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें। लापरवाही महंगी पड़ सकती है।
यह कहना है एमजीएम मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. धर्मेंद्र झंवर का। उन्होंने बताया कि बदलती जीवन शैली के चलते मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालत यह है कि औसतन हर पांचवा व्यक्ति या तो मधुमेह से पीड़ित है या पीड़ित होने की कगार पर है। अगर हम अपनी दिनचर्या में बदलाव करें तो मधुमेह से बच सकते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। जितनी जल्दी इस बीमारी का पता लगाएंगे और इलाज शुरू करेंगे उतना ही जल्दी फायदा होगा।
यह भ्रांति भी है कि एक बार मधुमेह हो जाए तो जीवनभर रहती है लेकिन ऐसा है नहीं। समय पर इलाज शुरू हो तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कई बार यह भी होता है तो हम मधुमेह के प्रारंभिक लक्षणों को हल्के में ले लेते हैं, लेकिन यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। मधुमेह की अनदेखी से कई बार कीडनी पर विपरित असर पड़ता है। मधुमेह से बचने के लिए रोजाना 45 मिनट व्यायाम करें। पैदल चलना एक अच्छा व्यायाम है। गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच भी जरूरी है।
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