पान-गुटखे की पीक की समस्‍या का पेश किया समाधान, दीवारें नहीं होंगी गंदी, बन जाएगी खाद; जानें कैसे

पान-गुटखे की पीक से जहां-तहां दीवारें लाल दिखती हैं। गंदगी के साथ दुर्गंध और बीमारी भी फैलती रहती है। इससे निपटने के लिए युवाओं ने इजीस्पिट बॉक्स तैयार किया है, जिसमें पीक करने से न तो गंदगी होगी और न ही दुर्गंध बाहर आएगी।

स्पिट बॉक्स यानी कि पीकदान के अंदर रखा हुआ केमिकल पीक को जेली में बदल देगा, जिसे खाद के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। गोरखपुर शहर के दो युवा इस तकनीक को बतौर स्टार्टअप आगे बढ़ा रहे हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग समेत जिले के आधा दर्जन से अधिक विभागों में इजीस्पिट लगाया जा चुका है। इस स्टार्टअप की शुरुआत चार साल पहले नागपुर से शुरू हुई। वहां के आईआईटीयन ऋतु की पहल पर टीम ने इसे आगे बढ़ाया। स्टार्टअप से जुड़े गोरखपुर के अंकुर और शुभम इसे यूपी में आगे बढ़ा रहे हैं।

अंकुर बताते हैं कि अगर हम किसी भी सार्वजनिक स्थान पर थूकते हैं तो उसके कण 27 फुट तक हवा मे फैल सकते है। इसके कीटाणु टीबी जैसी बीमारी फैलाते हैं। शुभम शुक्ला बताते हैं कि इजीस्पिट का इस्तेमाल कर अब तक 7500 पौधों के लिए खाद तैयार की जा चुकी है।

बैक्टीरिया को लॉक कर देती है तकनीक
शुभम बताते हैं कि इज़ीस्पिट स्पिटून में माइक्रोमॉलिक्यूल पल्प पेटेंटेड तकनीक है और यह एक ऐसी सामग्री से युक्त है, जो लार में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को लॉक कर देती है। इजीस्पिट के पॉकेट पाउच (10 से 15 बार प्रयोग), मोबाइल कंटेनर (20 से 40 बार प्रयोग) और स्पिटबिन (2000 से 5000 बार तक प्रयोग) उपलब्ध हैं। पॉकेट पाउच साथ में रख सकते हैं।

उन्होंने बताया कि 24 महिलाओं की एक टीम नागपुर में यूनिट को संभाल रही है और मांग के हिसाब से बॉक्स तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा रही है। इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। गोरखपुर की चार महिलाएं भी इससे जुड़ी हैं।