नई दिल्ली ,12 नवंबर । चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। चुनाव में धन-बल और नशे के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनाव आयोग भले ही काफी सख्त है, लेकिन चुनाव में मतदाताओं को उपहार, शराब आदि के जरिये लुभाने के अपने पुराने हथकंडे पर राजनीतिक दल अभी भी बेखौफ डटे हैं। यही वजह है कि प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को देने वाले उपहार, शराब, कैश भारी मात्रा में बरामद हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश व गुजरात के चुनावों में पिछले चुनाव के मुकाबले तीन से पांच गुना तक ज्यादा सामग्री के जब्त होने से चुनाव आयोग भी भौंचक्का है।
हालांकि यह हाल तब है जब अभी हिमाचल प्रदेश में वोटिंग वाला दिन अभी बाकी है। वहीं गुजरात में अभी तो चुनाव प्रचार सिर्फ शुरू हुआ है। अभी करीब पूरा महीना बाकी है। चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश की वोटिंग से एक दिन पहले चुनावी राज्यों से अब तक जब्त किए गए कैश, उपहार, शराब का ब्योरा जारी किया है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश से अब तक 50.28 करोड़ की सामग्री जब्त की गई है। इसमें 17 करोड़ से ज्यादा सिर्फ कैश, करीब दस लाख लीटर शराब (जिसका बाजार मूल्य करीब 17.50 करोड़ है) के अतिरिक्त सवा करोड़ रुपये की कीमत की ड्रग्स, करीब 14 करोड़ का सोना-चांदी व दूसरे कीमती मेटल और 40 लाख रुपये के उपहार शामिल हैं।
गुजरात में 71.88 करोड़ रुपये की कीमत के सामग्री व कैश जब्त
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2017 में सिर्फ नौ करोड़ की कीमत की कैश व दूसरी सामग्री जब्त हुई थी। ऐसे में इस बार वर्ष 2017 की तुलना में पांच गुना ज्यादा कैश व दूसरी सामग्री जब्त हुई है, जो चौंकाने वाली है। आयोग का मानना है कि उनकी सख्ती व लोगों की जागरूकता के चलते यह जब्ती बढ़ी है। आयोग के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनावों से अब तक हुई जब्ती भी चौंकाने वाली है। यहां अभी चुनाव प्रचार गति ही पकड़ रहा है, बावजूद इसके अब तक 71.88 करोड़ रुपये की कीमत के सामग्री व कैश जब्त किए जा चुके हैं। हालांकि इनमें कैश सिर्फ 66 लाख ही है, लेकिन करीब 65 करोड़ के उपहार अब तक बरामद हुए है, जो काफी बड़ी राशि है।
इसके अलावा एक लाख लीटर से ज्यादा शराब, जिसका बाजार मूल्य करीब चार करोड़ रुपये है। इसके अलावा ड्रग्स, ज्वेलरी आदि चीजें भी जब्त की गई है। पिछले चुनाव में यहां से पूरे चुनाव में सिर्फ 27 करोड़ की सामग्री व कैश जब्त हुआ था। चुनाव आयोग से इस बीच दोनों ही राज्यों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह सीमाओं पर चौकसी बरतें। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में छह राज्यों में हुए उपचुनाव चुनावों में भी नौ करोड़ से भी ज्यादा उपहार, शराब व कैश जब्त हुए है। इसमें सबसे अधिक करीब 6.6 करोड़ रुपये अकेले तेलंगाना की एक सीट पर हुए उपचुनाव से जब्त हुआ है।
हालांकि गुजरात राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद के शुरुआती दिनों में ही पुलिस ने करीब 1,10,000 लीटर शराब बरामद की, जिसकी कीमत 3.86 करोड़ रुपये थी। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भी मुंदरा बंदरगाह पर बड़े पैमाने पर 64 करोड़ रुपये के खिलौने और सामान की गलत घोषणा के माध्यम से तस्करी किए जाने की सूचना दी है यह सामान आयात कार्गो में छिपाकर लाया जा रहा था। इस मामले के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच की जा रही है। गुजरात विधानसभा के चुनावों में धनबल के इस्तेमाल पर प्रभावी तौर पर अंकुश लगाने के लिए भारत के चुनाव आयोग ने पहले ही 69 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है।
27 विधानसभा क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। आयोग के दलों ने सिंतबर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इसके अलावा आयोग के कुछ अन्य दलों ने भी इन दोनों राज्यों की अक्टूबर में यात्रा कर विधानसभा चुनाव तैयारियों की निगरानी की। आयोग के दलों ने इन दोनों राज्यों में सुरक्षा एजेंसियों, जिला प्रशासन और पुलिस के नोडल अधिकारियों से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लाई जाने वाली वस्तुओं की करीब से और प्रभावी निगरानी करने को कहा और इस संबंध में तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।
हिमाचल प्रदेश में अपने दौरे के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने जिला और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की तथा अवैध खनन व्यवसाय और मतदान को प्रभावित करने वाली शराब, संदिग्ध नकद राशि और वस्तुओं के संबंध में कड़ी निगरानी बरतने का निर्देश दिया। इसी तरह से आयकर विभाग की जांच शाखा, जो कि एक प्रमुख भागीदार प्रवर्तन एजेंसी है, ने हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों में स्थित पत्थर तोड़ने की 27 इकाइयों पर छापे डाले और वहां से काफी मात्रा में नकद रुपये बरामद किए।
इसके अलावा उन्होंने देसी शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं पर भी छापे मारे और वहां से भी बेहिसाब धन बरामद किया। इसके अलावा यहां से खातों में गड़बड़ी के बहुत से सबूत बरामद किए। पुलिस और आबकारी अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों ने भी शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं की बरामदगी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में धन-बल पर अंकुश लगाने और प्रभावी निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने 23 व्यय पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की है।
यहां तक कि हाल में बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों की सात विधानसभा सीटों के लिए संपन्न हुए उपचुनावों में भी 9.35 करोड़ रुपये मूल्य की बरामदगी की गई। तेलंगाना के मुनुगोडे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6.6 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ हजारों लीटर शराब, 1.78 करोड़ रुपये मूल्य की बहुमूल्य धातुओं की रिकॉर्ड बरामदगी की गई। यह निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में भारी धनराशि व्यय करने के लिए जाना जाता है। जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मुनुगोडे निर्वाचन क्षेत्र जैसी व्यापक निगरानी की जरूरत महसूस की गई वहां आयोग ने अतिरिक्त व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की, निगरानी दलों की संख्या में वृद्धि की और पर्यवेक्षकों के साथ वर्चुअल बैठकें कर समीक्षा और फीडबैक सत्र किए।
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