धमतरी, 9 नवंबर। ट्रक आनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर ट्रकों में धान परिवहन के लिए नया जीपीएस लगाने का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनके वाहनों में पहले से जीपीएस लगा हुआ है। इसे अतिरिक्त खर्च बताकर नियम को शिथिल करने की मांग की है, ताकि ट्रक मालिकों को आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े।
ट्रक आनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी जगजीवन सिंह जीवा, अरविंदर मुंडी, ओमप्रकाश साहू, अभिषेक ठाकुर, विक्रम पांडेय, मनबोध साहू, अंबेसिंह आदि नौ नवंबर को कलेक्ट्रेट पहुंचे। बुधवार को कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में ट्रक आनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्यों ने बताया कि जिला विपणन अधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित धमतरी द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान परिवहन के लिए संलग्न वाहनों में जीपीएस इंस्टालेशन का निर्देश मिलर्स एवं परिवहनकर्ताओं को किया है। इस आदेश का सीधा असर ट्रक मालिकों को पड़ रहा है। नया जीपीएस लगाने से उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। ट्रक मालिकों का कहना है कि धमतरी जिले में ट्रक आनर्स एसोसिएशन के पास पांच सौ और राईसमिलरों के पास 100 वाहन है। इन वाहनों में पहले से जीपीएस लगा हुआ है, ऐसे में धान परिवहन के नाम पर नया जीपीएस लगाना उचित नहीं है, क्योंकि प्रत्येक जीपीएस लगाने के लिए उन्हें 7000 से 8000 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। वहीं प्रति माह मेंटनेंस के लिए 750 रुपये खर्च होगा, इससे ट्रक मालिकों को भारी नुकसान है।
नियम शिथिल करने की मांग
ट्रक मालिकों को होने वाले आर्थिक नुकसान को देखते हुए शासन नियमों में शिथिल करें। ट्रक मालिकों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जब-जब परिवहनकर्ता बदलते हैं, तब-तब इस तरह नियम थोपा जाता है। इससे ट्रक मालिकों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रदेश के कांकेर, राजनांदगांव, कोरबा, महासमुंद समेत अन्य जिलों में इस तरह दबाव नहीं है, सिर्फ धमतरी जिले के ट्रक मालिकों को ऐसा करके परेशान किया जाता है, जो उचित नहीं है। ट्रक आनर्स एसोसिएशन की मांग है कि शासन इस नियम को शिथिल करें जिससे ट्रक मालिकों को राहत मिल सके। कलेक्ट्रेट में ट्रक मालिकों की परेशानियों को देखते हुए डीएमओ सीआर जोशी ट्रक आनर्स एसोसिशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर उनके परेशानियों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है, ताकि उन्हें राहत मिल सके।
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