भुजिया बनाने वाली इस कंपनी के IPO को तगड़ा रिस्पॉन्स, हल्दीराम से है सीधा कनेक्शन, अभी 38 रुपये के प्रीमियम पर शेयर

भुजिया (नमकीन) और स्वीट्स बनाने वाली कंपनी बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) के आईपीओ को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। बीकाजी फूड्स का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन 26.67 गुना सब्सक्राइब हो गया है। 881 करोड़ रुपये के इस आईपीओ में 2,06,36,790 शेयर ऑफर पर थे, जिस पर 55,04,00,900 शेयरों की बोली मिली है। बीकाजी फूड्स के आईपीओ का प्राइस बैंड 285-300 रुपये है। बीकाजी फूड्स का स्नैक्स, स्वीट्स और रेस्टोरेंट कंपनी हल्दीराम से सीधा कनेक्शन है। 

38 रुपये के प्रीमियम पर हैं बीकाजी फूड्स के शेयर
बाजार पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि बीकाजी फूड्स के शेयर ग्रे मार्केट में 38 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। कंपनी के शेयर अगर 300 रुपये के अपर प्राइस बैंड पर अलॉट होते हैं और 38 रुपये के प्रीमियम के साथ इनकी लिस्टिंग होती है तो बीकाजी फूड्स के शेयर 338 रुपये पर लिस्ट हो सकते हैं। पब्लिक इश्यू से पहले बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) ने कहा था कि उसने एंकर इनवेस्टर्स से 262 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 

16 नवंबर को एक्सचेंज में लिस्ट हो सकते हैं कंपनी के शेयर
बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) के आईपीओ में शेयरों का अलॉटमेंट शुक्रवार 11 नवंबर 2022 को फाइनल हो सकता है। अगर इनवेस्टर्स को कंपनी के शेयर अलॉट होते हैं तो वह 15 नवंबर को उनके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। बीकाजी फूड्स के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 16 नवंबर 2022 को लिस्ट हो सकते हैं। इस आईपीओ का रजिस्ट्रार, लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है। 

हल्दीराम से कंपनी के फाउंडर का कनेक्शन
बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड, देश के सबसे बड़े फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स ब्रांड्स में से एक है। यह इंडियन स्वीट्स और स्नैक्स बेचती है। बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के फाउंडर शिवरतन अग्रवाल हैं, जो कि हल्दीराम के फाउंडर गंगाभीषन अग्रवाल के पोते हैं। शिवरतन अग्रवाल ने साल 1986 में कंपनी की शुरुआत की थी। कंपनी, शिवदीप इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में शुरू हुई थी। साल 1993 में कंपनी का नाम बदलकर बीकाजी फूड्स (Bikaji Foods) किया गया।  

बीकाजी फूड्स के आईपीओ में क्वॉलीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का कोटा 80.63 गुना सब्सक्राइब हुआ है। वहीं, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का कोटा 7.10 गुना सब्सक्राइब हुआ। जबकि रिटेल इंडीविजुअल इनवेस्टर्स का कोटा 4.77 गुना सब्सक्राइब हुआ है।