भारत के प्रत्येक नागरिकों को विधि का ज्ञान होना चाहिएःभगत

अम्बिकापुर।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वावधान में 31 अक्टूबर  से 13 नवम्बर  तक चलाये जा रहे अभियान के तहत कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सरगुजा के अध्यक्ष आर.बी. घोरे के मार्गदर्शन में 6 नवम्बर 2 को विशेष न्यायाधीश  डी.एन. भगत एवं प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलिमा बघेल की अध्यक्षता में शासकीय हाई स्कूल मेण्ड्राकला विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

विशेष न्यायाधीश अम्बिकापुर डी.एन. भगत ने बताया कि अपने जीवन में अमल में लाये, उसका प्रचार-प्रसार करें आस पास लोगों तथा अपने बच्चों को बताये जिससे किसी से, किसी प्रकार की भूल ना हो। हमारे संविधान में लिखा है कि भारत के प्रत्येक नागरिकों को विधि का ज्ञान होना चाहिए। आप ये नहीं कह सकते हैं कि मुझे विधि का ज्ञान नहीं है। विधि की सामान्य जानकारी प्रदान किये जाने हेतु विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है। आप ऐसे शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में और विधि की जानकारी प्राप्त करें।

शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय श्रेणी जेनिफर लकड़ा द्वारा उपस्थित लोगों को मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम के संबंध में, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय श्रेणी अम्बिकापुर रश्मि मिश्रा द्वारा दहेज निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा के संबंध में, न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बिकापुर  नरेन्द्र कुमार द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता एवं प्राधिकरण की अन्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान गी गई। इसी प्रकार पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश  ओ.पी. जायसवाल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को आपराधिक कार्यवाहियों की जानकारी प्रदान करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर) के बारे में भी जानकारी दी। 

अपर सत्र न्यायाधीश, (पाक्सो) अम्बिकापुर पूजा जायसवाल द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। तत्पश्चात् चेयरमेन स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) अम्बिकापुर  उर्मिला गुप्ता ने विद्युत, प्रकाश या जल प्रदाय, सार्वजनिक मलवाहन या स्वच्छ प्रणाली, अस्पताल या औषधालय, बीमा सेवा, डाकतार या टेलीफोन सेवा वायु सड़क या जलमार्ग द्वारा यात्रीयों या माल के वाहन के लिए यातायात सेवा, शैक्षिक या शैक्षणिक संस्थानों, आवास या भू-सम्पदा सेवा से संबंध में आने वाले सेवाओं से कमी से संबंधित मामले स्थायी लोक अदालत में पेश किये जा सकते है। साथ ही उक्त स्थायी लोक अदालत प्रस्तुत किये जाने वाले आवेदन का प्रारूप की प्रति का वितरण भी किया गया।

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर के नीलिमा बघेल द्वारा “कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण एवं “हक हमारा भी तो है “ के संबंध में बताया गया। उन्होंने बताया कि आपके साथ कोई घटना हुई है तो आप कहा जाये, थाने में जाये बताए, नहीं सुन रहे हैं तो आगे उच्च अधिकारियों को बताएं, वे भी नहीं सुन रहे हैं तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जाकर विधिक सलाह एवं सहायता प्राप्त कर सकते है, आगे अभिभाषण में महिलाओं और बच्चों से संबंधित कानून की जानकारी देते हुए आम जनों को कहा कि “हम कुछ नहीं जानते “ कहकर बच नहीं सकते। 

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