“प्रधान पाठक प्राथमिक शाला पदोन्नति पदांकन में हुई अनियमितता एवं लेनदेन को दबाने” कही, कॉउन्सिलिंग मे विलम्ब सुनियोजित योजना तो नही

पदस्थाना को यथावत रखने उच्च न्यायालय गए प्रधान पाठकों को दिया जा रहा विभागीय संरक्षण

कोरबा, 05 नवम्बर । स्कूल शिक्षा विभाग जिला कोरबा में हुई प्राथमिक शाला प्रधान पाठक पदोन्नति की अटकलबाजी मे नया मोड़ नजर आते जा रहा है। जिला कोरबा में प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के रिक्त 1145 पदों पर जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा दिनांक 14/10/2022 को पदोन्नति प्रदान की गई थी, पदोन्नति डीपीआई के दिशा निर्देश के प्रतिकूल पदांकन एवं पदांकन में लेनदेन तथा घोर अनियमितता बरती गई थी यहाँ तक की दिब्यांगों को भी कार्यरत संस्था मे प्रधान पाठक का रिक्त पद रहते हुए भी 60 से 70 किलोमीटर दूर पदस्थापना दिया गया था

जिससे शिक्षक हित में कार्यरत संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रभावित सहायक शिक्षकों के द्वारा पदांकन मे भर्रा शाही को लेकर श्रीमान कलेक्टर कोरबा में गुहार लगाई गई थी जिला कलेक्टर संजीव झा द्वारा उक्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए 1145 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति सूची निरस्त की गई एवं तत्काल नये शिरे से पुनः 1145 प्रधान पाठकों की पदांकन हेतु संयुक्त कलेक्टर कोरबा श्री शिवकुमार बनर्जी के अध्यक्षता मे काउंसलिंग समिति का गठन किया गया। श्रीमान कलेक्टर कोरबा द्वारा पदोन्नति सूची निरस्त के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा पदोन्नत हुए प्रधान पाठकों को अपने मुलपद एवं मूल स्थान मे वापस लौटने आदेश जारी किया गया,किन्तु अनेक पदोन्नत प्रधान पाठकों जो की अपने पदांकन संस्था मे कार्यभार ग्रहण कर चुके थे उनके द्वारा अपने मुलपद एवं मूल स्थान मे वापस न लौटते हुए अपने पदांकन संस्था को यथावत रखने मा. उच्च न्यायालय के शरण मे चले गए, किन्तु यहां पर यक्ष प्रश्न यह है कि श्रीमान जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा यह जानकारी क्यों नहीं ली गई कि कितने पदोन्नत प्रधान पाठक अपने मूल पद एवं मूलस्थान पर कार्यभार ग्रहण किया या नहीं, यदि मूल पद एवं मूल स्थान पर नहीं लौटने वाले सहायक शिक्षकों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई, इससे स्पष्ट होता है कि विभाग द्वारा पदोन्नत प्रधान पाठकों को संरक्षण दिया गया साथ ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोरबा कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जाकर पदोन्नत प्रधान पाठकों के पदांकन स्थान को यथावत रखने अधिवक्ता के साथ फोटो खींचा कर खुशी का इजहार करते हुए यह लिखना कि पदोन्नत याचिकाकर्ताओं के पदांकन को यथावत रखने मा. न्यायालय द्वारा स्वीकार (एक्सेप्ट) कर लिया गया है, विभागीय लिपिक के द्वारा ऐसे कार्यप्रणाली को क्या आंकलन किया जाए।

काउंसलिंग में लेटलतिफी का कारण , कहीं पदांकन मे किये गए गंभीर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को दबाने की सुनियोजित योजना तो नही-कर्मचारी अधिकारी फ़ेडरेशन


छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला कोरबा के प्रखर प्रवक्ता एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल, छ ग कर्म. अधि. फ़ेडरेशन के महासचिव एवं छ ग शिक्षक संघ के संभागीय उपाध्यक्ष तरुण सिंह राठौर, छ ग कर्म. अधि. फ़ेडरेशन के महासचिव एवं छ ग राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एस एन शिव, छ् ग कर्म. अधि.फ़ेडरेशन के सह संयोजक एवं तृतीय वर्ग शा. कर्म.संघ के जिलाध्यक्ष एस के द्विवेदी, छ ग कर्म. अधि.फेडरेशन के खण्ड संयोजक एवं प्रदेश तृतीय वर्ग शा. कर्म. संघ के जिला सचिव नकुल सिंह राजवाड़े द्वारा संयुक्त रूप से काउंसलिंग समिति से पूछा कि काउंसलिंग समिति के गठन के 16 दिन पश्चात भी प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक के रिक्त पदों पर काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति कार्यवाही क्यों नहीं हो पाई, कर्मचारी नेताओं ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि काउंसलिंग में विलंब का कारण कहीं पूर्व में की गई पदांकन में लेनदेन एवं की गई गंभीर अनियमितता को दबाने सुनियोजित योजना तो नहीं। पदाधिकारियों ने काउंसलिंग समिति के सामने यह भी सवाल किया है कि डीपीआई द्वारा जारी पदोन्नति दिशानिर्देश के किसी भी कंडीका व कहीं पर भी उल्लेख नही है कि महिलाओं को पदोन्नति पदांकन मे विभागीय वरीयता को दरकिनार करते हुए प्राथमिकता प्रदान कि जाए। उन्होंने काउंसलिंग समिति से मांग की है कि विभाग द्वारा जारी वरीयता क्रम में सभी को समान अवसर प्रदान करते हुए डीपीआई के दिशा निर्देश अनुरूप पदांकन की कार्यवाही अविलम्ब किये जाएँ जिससे कि प्रभावित सहायक शिक्षकों को राहत मिल सके।

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