कोरबा जिले में जेल प्रहरी धीरेंद्र परिहार को स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन ने 4 साल जेल की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट देने के एवज में उसने परिजनों से 50 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। जिसमें से 10 हजार रुपए लेते हुए ACB की टीम ने उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया था।
घटना 2019 की है, तब जेल प्रहरी धीरेंद्र परिहार की पोस्टिंग कोरबा जिले की उपजेल कटघोरा में थी। वहां शंकर लाल रजक नाम का शख्स धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद था। जानकारी के मुताबिक, ठगी के आरोप में कटघोरा उप जेल में निरुद्ध शंकलाल रजक की आए दिन उप जेल में पिटाई हो रही थी और उसे जेल मैन्युअल के अनुरूप खाना भी नहीं मिल रहा था। शंकरलाल रजक ने यह बात अपनी पत्नी रोहिणी को बताई थी। इसके बाद पत्नी ने उप जेल के जेल प्रहरी धीरेंद्र सिंह परिहार से मुलाकात की थी।
जेल प्रहरी ने उसके पति की पिटाई नहीं करने और जेल मैन्युअल के अनुसार खाना और सामान्य कैदी को मिलने वाली सुविधा देने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। जिसमें से पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए देना तय हुआ था। पत्नी ने जेल प्रहरी की शिकायत ACB से कर दी थी।
इसके बाद एसीबी की टीम ने महिला को 10 हजार रुपए दिए जेल कर्मचारी धीरेंद्र परिहार को देने को कहा। जैसे ही महिला ने कर्मचारी को रिश्वत दी, एसीबी की टीम ने उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। सहायक लोक अभियोजक रोहित राजवाड़े ने बताया कि धीरेंद्र परिहार को 4 साल की सजा कोर्ट ने सुनाई है और उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
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