धमतरी ।अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, महानिदेशक, छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी तथा धमतरी जिले की प्रभारी सचिव रेणु पिल्ले ने सुबह 11 बजे से अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने धान खरीदी को व्यवस्थित तरीके से सभी 96 उपार्जन केंद्रों में करने के निर्देश दिए। नोडल अधिकारियों को भी सौंपे गए दायित्व का गंभीरता से पालन करते हुए हर शनिवार को अनिवार्य रूपसे संबंधित उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने कहा।
कलेक्टर पी.एस.एल्मा ने मौके पर बताया कि एक नवंबर से शुरू हुई समर्थन मूल्य में धान खरीदी के पहले दिन एक हजार 287 किसानों ने तीन हजार 565 मीट्रिक टन धान उपार्जन केंद्रों में बेचा है। इसमें 66 ऐसे किसान हैं, जो ’टोकन तुंहर हाथ’ एप से ऑनलाइन टोकन का पंजीयन कराएं हैं। इसके साथ ही इस साल एक लाख 23 हजार 968 पंजीकृत किसानों से 48 हजार 287 मीट्रिक टन अनुमानित धान खरीदी की जाएगी। इन किसानों का कुल रकबा एक लाख 25 हजार 38 हेक्टेयर है। अभी तक के आंकड़ों के आधार पर ज़िले में 50 हेक्टेयर में अन्य फसल ली गई है।जिले में धान खरीदी के लिए 24 हजार 214 बारदाने की जरूरत पड़ेगी। इसके एवज में 22 हजार 219 बारदाने ज़िले को मिले हैं। समितियों को तीन हजार 694 बारदाने उपलब्ध कराए गए हैं। अतः ज़िले में बारदाने पर्याप्त मात्रा में है। कलेक्टर ने यह भी बताया कि कोचियों, बिचौलियों पर निगाह रखने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया गया है। खाद्य, सहकारिता और मंडी के अमले को भी सचेत रहकर काम करने कहा गया है। साथ ही अवैध धान परिवहन पर पैनी निगाह रखने के लिए ज़िले की सीमावर्ती क्षेत्र में पांच चौकी बनाए गए हैं। यहां पुलिस, मंडी और वन के अमले की ड्यूटी लगाई गई है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी के साथ ही मिलर्स का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन भी शुरू हो गया है, ताकि वे सीधे उपार्जन केंद्र से धान का उठाव करें। ज़िले के संग्रहण केंद्रों में कांकेर, बालोद और गरियाबंद का धान आएगा। इन चारों धान संग्रहण केंद्रों में जरूरी व्यवस्था कर ली गई है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की समीक्षा करते हुए प्रभारी सचिव ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया कि जिन पंचायतों में खेल मैदान नहीं है, उसकी जानकारी भेजेंगे, ताकि मनरेगा से वहां खेल मैदान बनाए जा सकें। इस मौके पर मनरेगा की प्रगति की जानकारी देते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत प्रियंका महोबिया ने बताया कि ज़िले में एक लाख 61 हजार 305 जॉबकार्ड धारी परिवार हैं। इनमें 90 हजार 294 परिवार को रोजगार प्रदाय किया गया। 100 दिन का रोजगार 357 परिवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिया गया है। नरवा की प्रगति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वर्ष 2021-22 में 23 नरवा का चिन्हांकन किया गया था, जिसमें से कुल 16 नालों का चयन कर 358 कार्यों की स्वीकृति दी गई। इसकी कुल स्वीकृत राशि 496.78 लाख रूपये है। अब तक इसमें से 171 कार्य पूर्ण, 64 में प्रगतिरत हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 से अब तक 46 नरवा का चयन कर 518 काम स्वीकृत किए गए। इनमें से 40 नरवा में मनरेगा, मनरेगा और कैंपा के अभिसरण से काम किया जा रहा। 06 नरवा का चयन कर वन विभाग में कैम्पा मद से दो हजार 120 कार्य स्वीकृत किया गया है। ज़िले में वर्ष 2022-23 में कुल 100 ड्रेनेज लाइन का चिन्हांकन किया गया है। साथ ही सर्वेक्षण और डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें से 63 ड्रेनेज लाइन वन विभाग के हैं।
बैठक में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि वर्ष 2022-23 में पहली किश्त 18 हजार 460 और दूसरी किश्त 13 हजार 12 मजदूर परिवार को दी गई। वन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ज़िले में कृष्ण कुंज योजना के तहत हर नगरीय क्षेत्र में एक-एक एकड़ भूमि में 250-250 जनोपयोगी फलदार, छायादार, इमारती पौधे लगाए गए हैं। समर्थन मूल्य में कोदो, कुटकी और रागी खरीदी का लक्ष्य 50 क्विंटल है। इसके लिए 10 लघु वनोपज संग्रहण केन्द्र का चयन किया गया है।
प्रदेश सहित जिले में भी छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तहत राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर 06 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक और 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक जोन स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई है। इसके साथ ही 27 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक विकासखण्ड/नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजित की जा रही और 17 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। प्रभारी सचिव पिल्ले ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की प्रतियोगिताएं आयोजित करते वक्त सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने धन्वंतरी जेनरिक मेडिकल दुकानों के संचालन और उससे लाभान्वितों की जानकारी मांगी। आयुक्त नगर निगम विनय पोयाम ने बताया कि ज़िले की सात धन्वंतरी मेडिकल स्टोर्स से अब तक 65 लाख 32 हजार की बाजार मूल्य की दवाइयां 30 लाख 75 हजार रूपये में बेची गई। इससे 26 हजार 661 ग्राहकों को आधे से भी कम कीमत में उच्च गुणवत्ता की जेनरिक दवाई खरीदने में 34 लाख 57 हजार रूपये की बचत हुई। उन्होंने शासन की इस महती स्वास्थ्य से जुड़ी योजना का अधिक से अधिक ज़िलेवासियों को लाभ लेने की बात कही।
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों की समीक्षा के दौरान प्रभारी सचिव ने जोर दिया कि ज़िला शिक्षा अधिकारी ज़िले में संचालित इन सात स्कूलों का भी अन्य स्कूलों के साथ सतत समीक्षा करें, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित सभी आश्रम छात्रावासों की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है। साथ ही बालिका आश्रम/छात्रावासों में सुनिश्चित किया गया है, कि वहां महिला आरक्षक की ड्यूटी लगाई जाए। बालिकाओं की सुरक्षा और एहतियात के लिए उठाए गए इस कदम को प्रभारी सचिव ने काफी सराहा। क्रेडा की समीक्षा के दौरान सहायक अभियंता कमल पुरैना ने बताया कि वर्ष 2021-22 में छटवां चरण में सौर सुजला योजना के तहत 198 सौर संयंत्र स्थापना के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया गया। इसमें 125 कृषक मूलक, 73 गौठान/चारागाह में संयंत्र स्थापित किया गया। इस साल सातवें चरण में मिले 400 के लक्ष्य के विरुद्ध 19 सौर संयंत्र किसानों के खेत में स्थापित किए जा चुके हैं। सोलर ड्यूल पंप जल जीवन मिशन के तहत 82 पंप के विरुद्ध 81 स्थापित और सोलर हाई मास्ट 100 स्थापित किए गए ।
समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान उप संचालक समाज कल्याण तिवारी ने बताया कि ज़िले में जुलाई और अगस्त माह में जनपद और क्लस्टर स्तर पर लगातार शिविर आयोजित कर 101 प्रतिशत दिव्यांगजनों का विशिष्ट पहचान पत्र बना लिया गया है। इसमें 2011 की जनगणना अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले आठ हजार 472 हितग्राही हैं। इस दौरान एक दशक में दिव्यांग हितग्राही आठ हजार 613 हो गए। इन सभी का शिविर लगाकर विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी) बनाया गया। इस प्रगति से प्रभारी सचिव काफी संतुष्ट दिखी।
विद्युत विभाग की समीक्षा के दौरान कार्यपालन अभियंता दीपक ने बताया कि प्रदेश सरकार की महती बिजली बिल हाफ योजना के तहत अप्रैल 2019 से सितंबर 2022 तक एक लाख 62 हजार 859 घरेलू और बीपीएल उपभोक्ताओं में से एक लाख 28 हजार 622 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इन्हें 400 यूनिट तक की बिजली खपत में 50 प्रतिशत की छूट याने 103.2 करोड़ रूपये की छूट मिली है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंडल ने बताया कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना से अप्रैल से अक्टूबर तक 705 हाट-बाजारों में 24 हजार 748 हितग्राहियों की जांच की गई। प्रति हाट बाजार औसत ओपीडी 35 रही। प्रभारी सचिव ने इसे सराहते हुए आगे और अधिक से अधिक हाट-बाजार आने वाले हितग्राहियों को योजना के तहत लाभान्वित करने पर जोर दिया। आयुष्मान भारत के तहत कार्ड बनाने में धमतरी ज़िला 74.4 प्रतिशत के साथ प्रदेश में दूसरे पायदान पर है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 376 आंगनबाड़ियों का चयन किया गया है, जहां कुपोषण का दर ज़्यादा है। इस आधार पर चार हजार 973 बच्चे, गर्भवती महिलाएं और शिशुवती माताओं को लक्षित कर योजना चलाई जा रही है। प्रभारी सचिव ने इस योजना का प्रभावी तरीके से संचालन के निर्देश दिए हैं, जिससे ज़िले में कुपोषण का दर कम किया जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि घरेलू नल कनेक्शन में धमतरी जिला पूरे राज्य में पहले स्थान पर है। इसके तहत कुल एक लाख 55 हजार 130 परिवार के लक्ष्य के विरूद्ध 94 हजार 264 घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय किया गया है। स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में नल कनेक्शन के सभी जल प्रदाय कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
बैठक में जल संसाधन सहित अन्य विभागों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस मौके पर जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में प्रभारी सचिव ने खुशी जताई कि ज़िला धमतरी टीम वर्क से बेहतर तरीके से काम करता आया है। उम्मीद है आगे भी अच्छे काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में ज़िला अग्रणी है वह प्रशंसनीय है, लेकिन जहां कमियां हैं, अधिकारी स्वयं उसकी जानकारी दे रहे और दुरुस्त करने की बात कह रहे। इस सकारात्मक सोच और पहल से निश्चित ही ज़िला और भी बेहतर तरीके से योजनाओं को संचालित करेगा।
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