रायपुर, 02 नवम्बर । “पहली बार आदिवासियों को इतना बड़ा मंच देना सम्मान की बात है, मुझे छत्तीसगढ़ आकर खुशी हो रही है। भारत के दूसरे राज्यों को भी ऐसा कुछ करना चाहिए” यह कहना है तलंगाना के नालागोंडा जिले के सी एच नागार्जुन का कहना है। जो नालागोंडा जिले से पहुंचे कलाकारों के टीम लीडर हैं। छत्तीसगढ़ आदिवासी महोत्सव में पहुंचे ये कलाकार बंजारा जनजाती के हैं और लंबाड़ी नृत्य करते हैं। लंबाड़ी नालागोंडा जिले के जीवन को दिखाता है। लंबाड़ी करने वाली महिला कलाकार पारंपरिक घाघरा-चोली, पैरों में गज्जल (घुंघरू) गले में कंटल (माला) व हाथ में हाथी दांत के बने गाजरू पहनती हैं।
राज्योत्सव में पहली बार पहुंचे तेलंगाना के कलाकार छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की इस पहल को लेकर काफी खुश हैं और उनके कला को मंच देने के लिए छत्तीसगढ़ सककार का धन्यवाद दे रहे हैं।
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