सुवा में छपोराडीह और राउत नाचा में पिरदा को मिला प्रथम स्थान

महासमुंद । शहर के हाईस्कूल मैदान में आयोजित लोक महोत्सव के दूसरे दिन भी सुवा नृत्य और राउत नाचा की धूम रही। राउत नाचा दलों ने जहां दोहों से समां बांधा तो सुआ नृत्य की प्रस्तुतियों ने काफी वाहवाही बटोरी। प्रस्तुतियों का दौर देर रात तक चलता रहा, जिसमें प्रतिभागी दलों ने स्थानीय संस्कृति को जीवंत किया।

सोमवार की रात हाईस्कूल मैदान में सुवा व राउत नाचा प्रतियोगिता का समापन समारोह हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर मौजूद रहे। मुख्य अतिथि संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने सुवा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जय गौरा गौरी सुवा दल छपोराडीह, द्वितीय स्थान जय बरमदेव सुवा दल लहंगर, तृतीय स्थान जय मां काली सुवा दल लभराकला तथा राउत नाचा में प्रथम स्थान बाल कृष्ण राउत नाचा पिरदा, द्वितीय स्थान जय मां खल्लारी राउत नाचा बासकुंडा, तृतीय स्थान जीवन यादव एवं साथी कोसरंगी को पुरस्कृत किया। 

प्रथम से तृतीय स्थान पर आने वाले दलों को क्रमशः प्रथम पुरस्कार 21 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार पंद्रह हजार रूपए, तृतीय पुरस्कार दस हजार रूपए व प्रत्येक मंडली को पंद्रह सौ रूपए सम्मान राशि प्रदान की गई। अपने संबोधन में संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष रुचि के चलते राज्य में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति व परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के संरक्षण के चलते कला और संस्कृति के पुष्पित और पल्लवित होने का अनुकूल वातावरण बना है। राज्य में विभिन्न अवसरों और तीज-त्योहारों के मौकों पर कला एवं संस्कृति से जुड़े लोगों व कलाकारों को लगातार मंच मिलने से उनमें उत्साह जगा है। 

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संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए संस्कृति परिषद के गठन से राज्य के कलाकारों एवं शिल्पियों को एक मंच मिला है। इसी उद्देश्य को लेकर पिछले दो सालों से लगातार छत्तीसगढ़ की चिन्हारी सुवा और राउत नाचा को मंच प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में नगरपालिका अध्यक्ष राशि महिलांग, दाउलाल चंद्राकर, संजय शर्मा, सुरेंद्र मानिकपुरी, अजय थवाईत, तारिणी चंद्राकर, कमल प्रजापति, राहुल ध्रुव, गुरू ढिल्लो, तेजन यादव, दुर्गेश साहू, टेकराम सेन, रेखराज शर्मा, भागवत जगत, सरिता तिवारी, कमलेश साहू, गोवर्धन साहू, रामजी साहू, सती साहू, सती चंद्राकर, निरंजना चंद्राकर, लता कैलाश चंद्राकर, राजश्री ठाकुर, दुर्गा भारतीय, शोभा शर्मा, पवन साहू, सुखीराम साहू, मुकेश श्रीवास्तव, हेमचंद साहू आदि का सराहनीय योगदान रहा। राउत नाचा प्रतियोगिता के निर्णायक बीआर साहू, अवनीष वाणी, आदित्य सिंह ठाकुर, सुवा प्रतियोगिता के निर्णायक पुष्पलता भार्गव, उत्तरा विदानी, द्रोपति साहू थी।