रायपुर,1 नवम्बर। सिद्धिगोमा नृत्य पारंपरिक एवं विवाह अनुष्ठान के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में केवल पुरुष कलाकार ही भाग लेते हैं। मोर पंख और कौड़ियों से सजे धजे वस्त्र पहनकर सिद्धी आदिवासियों की हैरतअंगेज प्रस्तुति बरबस ही लोगों का ध्यान खींच लेती है।
कहा जाता है कि सिद्धि मूलतः अफ्रीका मूल की जनजातियां है जिन्हें 500 वर्ष पूर्व पुर्तगालियों ने भारत में बसाया था।यह जनजाति मुख्यतः कर्नाटक, गोवा और गुजरात में निवास करती है।
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