विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 08 प्रवासी मजदूरों, 05 स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 34 बुजुर्गों, 02 किशोरियों और 01 फ्रंट लाइन कार्यकर्ता को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराक का टीका लगाया गया।

बिलासपुर । हेल्पेज इंडिया ने अपने मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइजेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी (MRITE) प्रोजेक्ट के तहत, 29 अक्टूबर को बिलासपुर के देवनगर स्लम में 50 लाभार्थियों को कोविड -19 के खिलाफ टीका लगाने में मदद की। उनमें से 101 वर्षीय तिलक बाई बुजुर्ग नागरिकों के लिए चैंपियन के रूप में उभरीं। क्योंकि वह परियोजना के तहत टीके लगाए जाने वाले सबसे पुराने लाभार्थियों में से एक बन गई।


हेल्पेज इंडिया पिछले एक साल या उससे अधिक समय से अपने वरिष्ठ नागरिकों और अन्य कमजोर आबादी के बीच टीके की झिझक को कम करने की दिशा में काम कर रहा है। बिलासपुर में, अब तक MRITE स्वयंसेवकों द्वारा परियोजना के तहत 15000 से अधिक लाभार्थियों को टीकाकरण और कोविड -19 की भयावहता के खिलाफ खुद को सुरक्षित करने के लिए जुटाया गया है। शनिवार को देवनगर स्लम में एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 08 प्रवासी मजदूरों, 05 स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 34 बुजुर्गों, 02 किशोरियों और 01 फ्रंट लाइन कार्यकर्ता को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराक का टीका लगाया गया। उनमें से 101 वर्षीय तिलक बाई, जो बिस्तर पर पड़ी हैं और इसलिए आज तक बिना टीकाकरण के बनी हुई हैं, को कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई। अन्य लाभार्थियों में एक फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, 35 वरिष्ठ नागरिक, 5 स्तनपान कराने वाली महिलाएं और 2 किशोरियां हैं। इस अवसर पर स्वयंसेवकों द्वारा लाभार्थियों को कोविड चैंपियन की कलाई पर पट्टी बांधी गई।

हेल्पेज इंडिया के राज्य प्रमुख शुभंकर विश्वास ने लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि, “यहां तक कि एक व्यक्ति, जो टीकाकरण से छूट गया हो, एक वाहक बन सकता है और पूरे परिवार को कोविड की जटिलताओं से खतरे में डाल सकता है। इसलिए समय की मांग है कि आप अपने परिवार, पड़ोस और यहां तक कि स्कूल के प्रत्येक सदस्य को टीका लगवाएं।” हेल्पेज वालंटियर्स चंद्रप्रभा, लक्ष्मी जिला समन्वयक बिलासपुर, मीनाक्षी दहीवले, राज्य कार्यक्रम अधिकारी सुरभि सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।