मन की बात कार्यक्रम के 94वें एपिसोड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया संबोधित

Mann ki Baat Updates: मन की बात (Mann ki Baat) कार्यक्रम के 94वें एपिसोड को आज (रविवार को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज, देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ (Chhath) मनाया जा रहा है. ‘छठ’ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गांव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुंचे हैं. मेरी प्रार्थना है कि छठ मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें. उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है. इस पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है. साथ ही ये संदेश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है. इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी हमने पवित्र छठ पूजा की बात की, भगवान सूर्य की उपासना की बात की. तो क्यों न सूर्य उपासना के साथ-साथ आज हम उनके वरदान की भी चर्चा करें. सूर्य देव का ये वरदान है- ‘सौर ऊर्जा’. सोलर एनर्जी आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं. भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं. सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है.

पीएम कुसुम योजना से ऐसे मिल रहा लाभ

पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में, कांचीपुरम में एक किसान हैं, थिरु के. एझिलन. उन्होंने ‘पीएम कुसुम योजना’ का लाभ लिया और अपने खेत में 10 हॉर्सपावर का सोलर पंप सेट लगवाया. अब उन्हें अपने खेत के लिए बिजली पर कुछ खर्च नहीं करना होता है. खेत में सिंचाई के लिए अब वो सरकार की बिजली सप्लाई पर निर्भर भी नहीं हैं.

बिजली बिल आने के बजाय हो रही कमाई

उन्होंने कहा कि क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि आप महीने भर बिजली का उपयोग करें और आपका बिजली बिल आने के बजाय, आपको बिजली के पैसे मिलें? सौर ऊर्जा ने ये भी कर दिखाया है. आपने कुछ दिन पहले, देश के पहले सूर्य ग्राम- गुजरात के मोढेरा की खूब चर्चा सुनी होगी. मोढेरा सूर्य ग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं. अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का चेक आ रहा है.

स्पेस सेक्टर में बढ़ते भारत के कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी मैं आपसे सूरज की बातें कर रहा था. अब मेरा ध्यान स्पेस (Space) की तरफ जा रहा है. वो इसलिए, क्योंकि हमारा देश, सोलर सेक्टर के साथ ही स्पेस सेक्टर में भी कमाल कर रहा है. पूरी दुनिया, आज, भारत की उपलब्धियां देखकर हैरान है. इसलिए मैंने सोचा, ‘मन की बात’ के श्रोताओं को ये बताकर मैं उनकी भी खुशी बढ़ाऊं. आपसे बात करते हुए मुझे वो पुराना समय भी याद आ रहा है, जब भारत को Cryogenic Rocket Technology देने से मना कर दिया गया था. लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने ना सिर्फ स्वदेशी तकनीक विकसित की बल्कि आज इसकी मदद से एक साथ दर्जनों उपग्रह अंतरिक्ष में भेज रहे हैं.

राष्ट्र निर्माण में जुटा भारत का युवा

पीएम मोदी ने कहा कि आपको याद होगा, मैंने लाल किले से ‘जय अनुसंधान’ का आह्वान किया था. मैनें इस दशक को भारत का दशक बनाने की बात भी कही थी. मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा, इसकी कमान हमारी IITs के स्टूडेंट्स ने भी संभाल ली है. बीते वर्षों में हुई एक हैकॉथॉन्स ने देश के लाखों युवाओं ने मिलकर, बहुत सारी चुनौतियों को निपटाया है, देश को नए समाधान दिए हैं. हमारे आज के युवा, जिस तरह देश के लिए काम कर रहे हैं, राष्ट्र निर्माण में जुट गए हैं, वो देखकर मैं बहुत भरोसे से भरा हुआ हूं.

पीएम ने बिरसा मुंडा को किया याद

उन्होंने कहा कि नवंबर महीने में 15 तारीख को हमारा देश जन-जातीय गौरव दिवस मनाएगा. आपको याद होगा, देश ने पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के दिन आदिवासी विरासत और गौरव को सेलिब्रेट करने के लिए ये शुरुआत की थी. भगवान बिरसा मुंडा ने अपने छोटे से जीवन काल में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लाखों लोगों को एकजुट कर दिया था. उन्होंने भारत की आजादी और आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था. ऐसा कितना कुछ है, जो हम धरती आबा बिरसा मुंडा से सीख सकते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि जब धरती आबा बिरसा मुंडा की बात आती है, छोटे से उनके जीवन काल की तरफ नजर करते हैं, आज भी हम उसमें से बहुत कुछ सीख सकते हैं और धरती आबा ने तो कहा था- यह धरती हमारी है, हम इसके रक्षक हैं. उनके इस वाक्य में मातृभूमि के लिए कर्तव्य भावना भी है और पर्यावरण के लिए हमारे कर्तव्यों का अहसास भी है. पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर, मुझे रांची के भगवान बिरसा मुंडा म्यूजियम (Museum) के उद्घाटन का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. मैं युवाओं से आग्रह करना चाहूंगा कि उन्हें जब भी समय मिले, वे इसे देखने जरूर जाएं.

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