जगदलपुर, 29 अक्टूबर। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के धारा 110 का प्रयोग करते हुए भारत सरकार द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधित नियम 2022 के नियम -41 (1) के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार राज्यस्तरीय निरीक्षण समिति और जिला मजिस्ट्रेट जिलास्तरीय निरीक्षण समिति का गठन किया गया है। बस्तर जिले में जिलास्तरीय गठित निरीक्षण समिति द्वारा शुक्रवार को बस्तर जिले के पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं का दौरा किया गया। जिसमें शा. बाल गृह (बालक), शा. सम्प्रेक्षण गृह (बालक), शा.सम्प्रेक्षण गृह (बालिका), शा. प्लेस आफ सेफ्टी (बालक), शा. विशेष गृह (बालक), शा. विशेष गृह (बालिका), बाल गृह (बालिका) सृजन सामाजिक संस्था, खुला आश्रय गृह (बालक) बस्तर सामाजिक जन विकास समिति, एवं सेवा भारती (मातृ छाया) विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी जगदलपुर का त्रैमासिक निरीक्षण किया गया।
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समिति के सदस्य नरेन्द्र पाणिग्राही ने बताया कि सभी संस्थाएं किशोर न्याय अधिनियम के नियमानुसार संचालित की जाती है, जिसमें विभिन्न प्रकार की पंजियों का संधारण किया जाता है, समिति के सदस्यों के द्वारा समस्त पंजियों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया एवं संस्था में वर्तमान निवासरत बालक, बालिकाओं एवं कर्मचारियों से भी व्यक्तिगत चर्चा की गई एवं विगत तीन माह पूर्व निरीक्षण के दौरान संस्था के पूर्व की कमियों को भी पूर्ण कर लिया गया है।
निरीक्षण के दौरान समिति ने संस्थाओं का कार्य संतोषप्रद पाया, संस्था के अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वर्तमान में संस्था का कार्य संतोषप्रद है आगामी समय में समिति के निरीक्षण के दौरान भी यही स्थित संस्थाओं में कायम रहे। निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय निरीक्षण समिति के अध्यक्ष अपर कलेक्टर हरेश मण्डावी, सचिव विजय शंकर शर्मा, निरीक्षण समिति के सदस्य शैलेष दुबे, डॉ. वत्सला मरियम, डॉ. सी मैत्री, मिनेश पानीग्राही उपस्थित थे।
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