कब लगेगी जुआ सट्टा पर लगाम

रायगढ़ ,28 अक्टूबर। क्रिकेट सट्टा का अवैध कारोबार जिले में भी अपनी जड़े मजबूत कर चुका है। स्थिति यह है कि शहर में ही आधा दर्जन से अधिक बड़े खाईवाल मौजूद हैं, जो अपना कारोबार लगातार कर रहे हैं। अवैध कारोबार करने वाले इन लोगों पर पुलिस कार्रवाई तो करती है, लेकिन यह महज दिखावे की ही कार्रवाई साबित होती है। यही वजह है कि सट्टा के इस मक्कडज़ाल में फंस कर लोग कर्जदार और कंगाल तो हो रहे हैं। वहीं अब लोग खुदकुशी करने पर भी मजबूर हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण शहर के मालधक्का में एक युवा व्यवसायी की खुदकुशी का मामला है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शहर के माल धक्का मार्ग स्थित मयंक अग्रवाल ने बीते बुधवार को खुदकुशी कर ली। खुदकुशी के पीछे जब परिजनों ने कारणों की तलाश की तो यह मामला सामने आया कि वह क्रिकेट सट्टा में लाखों रुपए हार चुका था। वह काफी नगद तो गवां चुका था। इसके अलावा उसके ऊपर लाखों रुपए कर्ज भी हो गए थे। सट्टा खाईवाल रुपए का तगादा करने लगातार उसे परेशान कर रहे थे। इस बात से तंग आकर मयंक ने खुदकुशी कर ली। इस बात की जानकारी जैसे ही परिजनों को पता चला तो जुआ सट्टा को बंद करने की मांग उठने लगी। गुरुवार को दिवंगत मयंक मित्तल की शव यात्रा माल धक्का मार्ग स्थित उनके निवास स्थान से निकाली गई। इस दौरान शव यात्रा में शामिल परिवार सहित अन्य लोग हाथ में तख्ती लिए हुए थे, उसमें यह लिखा हुआ था कि जुआ सट्टा को पूर्ण रुप से बंद किया जाए। साथ ही इस अवैध कारोबार को संचालित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी तख्ती के माध्यम से की गई। शव यात्रा में काफी लोग शामिल हुए थे।

इन क्षेत्रों में अवैध कारोबार: शहर में क्रिकेट सट्टा के छह बड़े खाईवाल होने की बात सामने आ रही है। इसमें दो इंदिरा नगर क्षेत्र में रहते हुए इस कारोबार को संचालित कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा तुर्कापारा, मधुबन पारा, दरोगा पारा, गांधी गंज क्षेत्र व अन्य जगहों से इस कारोबार को संचालित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत पाकिस्तान मैच में ही करीब 10 से 12 करोड़ रुपए का दांव लगाया गया था।

सक्ती खरसिया और रायगढ़ प्रमुख केंद्र: सट्टा का अवैध कारोबार अरसे से चल रहा है। बताया जा रहा है कि जांजगीर चांपा जिले के सक्ती में सबसे बड़ा खाईवाल है। इसके बाद क्रिकेट सट्टा का प्रमुख कंद्र खरसिया है। खरसिया के बाद रायगढ़ का नंबर आता है।

सामाजिक बुराई एक अभिशाप है: भाजपा नेता गौतम अग्रवाल ने कहा कि युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में फंसकर असमय आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं। रायगढ़ के ही कई आत्महत्या की घटनाओं ने समाज को झकझोर दिया है। सट्टा हारने के बाद वसूली का दबाव युवाओं को फांसी के फंदे तक ले जाने के लिए विवश करता है। सट्टा जुआ सामाजिक बुराई होने के साथ कानूनन भी प्रतिबंधित है, लेकिन इस धंधे में संलिप्त लोगों को कानून का किसी भी प्रकार का भय नहीं है।

गुनहगारों तक नहीं पहुंच रहे पुलिस के हाथ: जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा सट्टा के सामाजिक बुराई है और युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में फंसकर असमय आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं। साथ ही उमेश अग्रवाल ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि सट्टा जुआ शराब एक ऐसी सामाजिक बुराई है जिसका परित्याग नही करना मानसिक तनाव की बड़ी वजह है। पिछले चार सालों में आधा दर्जन मामले आत्महत्या के ऐसे है जो क्रिकेट सट्टा से जुड़े हुए हैं। इस बड़ी समाजिक बुराई को रोकने का अहम दायित्व पुलिस प्रशासन पर है, लेकिन कानून के लंबे हाथ आज तक असल गुनाहगारों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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