अयोध्या के दीपोत्सव में आठ देशों के कलाकार करेंगे रामलीला का मंचन

अयोध्‍या ,23 अक्टूबर। दीपोत्सव से श्रीराम के लंका विजय की स्मृति के साथ रामनगरी और रामकथा की वैश्विकता भी परिभाषित होगी। इसकी शुरुआत दीपोत्सव के प्रथम संस्करण 2017 से ही हो गई थी, जब रामकथा पार्क में राम राज्याभिषेक का मंचन किए जाने के बाद इंडोनेशिया एवं श्रीलंका के कलाकारों ने रामकथा के विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया। इसके बाद से दीपोत्सव के प्रत्येक संस्करण में लीला की प्रस्तुति के माध्यम से रामकथा की वैश्विक व्याप्ति परिलक्षित होने का चलन चल पड़ा।

दूसरे दीपोत्सव में ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, रूस, श्रीलंका, लाओस, इंडोनेशिया एवं कंबोडिया के रूप में छह देशों की मंडली ने, तीसरे दीपोत्सव में नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया एवं फिलीपींस, चौथे दीपोत्सव में ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, थाईलैंड, श्रीलंका, फिजी एवं नेपाल की मंडली ने तथा पांचवें दीपोत्सव में श्रीलंका एवं नेपाल की मंडली ने रामलीला की प्रस्तुति दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति से चरम का स्पर्श करने को आतुर दीपोत्सव का छठवां संस्करण आठ देशों की रामलीला के मंचन का साक्षी बनेगा। ये देश हैं, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, रूस, फिजी, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो तथा नेपाल। प्रत्येक देश की रामलीला मंडली में 12 से 18 कलाकार शामिल होंगे। रामलीला के साथ रामनगरी की वैश्विक विरासत रानी हो के स्मारक से भी प्रशस्त होगी।

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