प्रतीक्षा का सकारात्मक परिणाम जरूर मिलता है : आनंद

खरसिया,16अक्टूबर। शिवशक्ति सदन बरगढ़ में डनसेना परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत संगीतमय कथा में युवा कथा वाचक पं दिव्यआनंद तिवारी ने कहा कि जब तक हमारे जीवन में प्रतीक्षा नहीं होगी, तब तक ईश्वर से हमारा साक्षात्कार नहीं हो सकता। गोपियों के मन में भी तीव्र प्रतीक्षा थी। गोपियां कोई और नहीं ऋषि मुनि जन ही थे, जिन्होंने अनेकों जन्मों तक श्रीकृष्ण की प्रतीक्षा की थी।

प्रतीक्षा का सकारात्मक परिणाम जरूर मिलता है। वहीं कहा कि जो सच्चा भक्त होता है भगवान उसी की परीक्षा लेते हैं, ताकि उसमें कोई खोट ना बच पाए। जब वह पूर्ण रुप से निर्मल हो जाता है तो भगवान स्वयं उसके सामने प्रकट हो जाते हैं। गोपियों ने तो स्वयं को श्रीकृष्ण मय कर लिया था। जहां सच्चा प्रेम होता है, वहां भगवान को भी आने की मजबूरी हो जाती है।श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक शिवप्रसाद डनसेना तथा  मेनका डनसेना ने भाटागांव बरगढ़ में विशाल पांडाल बनाया है, जो श्रोता भक्तों से खचाखच भरा रहता है। दिन प्रतिदिन यहां भक्तों की भीड़ बढ़ती चली जा रही है।