कोरिया 16 अक्टूबर। शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजनांतर्गत नरवा विकास के जरिये राज्य में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन सुनिश्चित करने सहित नदी-नालों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इस दिशा में नरवा विकास योजना बहुपयोगी योजना साबित हो रही है। नरवा एवं जल स्त्रोतो को उपचारित करने, भूमिगत जल स्तर सुधार एवं मृदा क्षरण रोकने में यह योजना महती भूमिका निभा रही है। सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि से किसानों को खेती किसानी में अच्छा लाभ भी मिलने लगा है।
कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत उमझर तथा रटगा में कर्रा नाला बहता है, उमझर के आश्रित ग्राम तिलवनड़ांड के हडही नाला से शुरू होकर यह रटगा होते हुए कुल 9.39 किलोमीटर बहते हुए ग्राम अमरपुर के धनुहर नाला में मिल जाता है। खेती-किसानी के लिए आस-पास के किसान कर्रा नाला पर आश्रित हैं। नरवा विकास योजना से वर्ष 2020-21 में कुल 22.45 लाख रुपए की स्वीकृति पर 650 हेक्टेयर क्षेत्र में नरवा का उपचार किया गया। उपचार से सिंचित भूमि के रकबे में 35.5 फीसदी वृद्धि हुई है, वहीं भूजल स्तर में औसत 1 से 1.5 मीटर वृद्धि दर्ज की गई। कर्रा नाला विकास के तहत कुल 193 संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिसमें 15 अर्थन गलीप्लग, 25 ब्रशवुड चेक डेम, 30 एलबीसीडी, 100 कंटूरट्रेंच, 18 फार्म बन्डिंग तथा 05 फार्म पोंड निर्मित किए गए हैं।
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