KORBA : जिले में दिव्यांग बच्चों के पालकों के लिए दो दिवसीय पालक उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

कोरबा 14 अक्टूबर । समग्र शिक्षा अंतर्गत समावेशी शिक्षा मे जिला स्तरीय दिव्यांग बच्चों के पालको के लिए दो दिवसीय पालक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बी.आर.सी.भवन कोरबा शहरी में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में जिला कोरबा के सभी विकासखंडों सें गृह आधारित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें 21बच्चें दिव्यांग एवं उनके 38 पालक एवं 5 बी.आर.पी. समावेशी शिक्षा उपस्थित रहें। जिसमें कोरबा शहरी विकासखंड से 7 बच्चें 13 पालक एवं 1 बी.आर.पी., विकासखंड कोरबा ग्रामीण से 3 बच्चे 5 पालक एवं 1 बी.आर.पी., विकासखंड करतला से 4 बच्चें 8 पालक एवं 1 बी.आर.पी, विकासखंड पाली से 5 बच्चें 7 पालक 1 बी.आर.पी., विकासखंड पोडी उपरोड़ा से 2 बच्चें 5 पालक एवं 1 बी.आर.पी. शामिल हुए। प्रथम दिवस के प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर ज्वाला सिंह सोलंकी के द्वारा दिव्यांग बच्चों के पालको को इस कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया गया। साथ ही उन्हे किस तरह से सीखा सकते है और उन्हे कैसे अध्ययन व अध्ययापन के साथ समाज की मुख्य धारा में किस प्रकार से जोडा जा सकता है, उसके बारे में जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा प्रत्येक बच्चों के साथ आये पालको को उनके बच्चों के साथ हो रही समस्या का समाधान किया गया। जिससे वे घर पर अपने बच्चें को अध्ययन के साथ व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में किस तरह से बच्चो को जोडा जा सकता है, उसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।


कार्यशाला के द्वितीय दिवस विकासखंड पाली की बी.आर.पी.श्रीमती माधुरी मोहड के द्वारा पालको को दिव्यांगता के 21 प्रकारो एवं दिव्यांगजनो को मिलने वाली रियायतो के बारे में बताया गया। इसके उपरांत श्रीमती अरूणा शर्मा बी.आर.पी. कोरबा ग्रामीण के द्वारा दिव्यांगता के विभिन्न कारणो एवं उसके रोकथाम के बारे में बताया गया। इसके बाद ऑंक्युपेशनल थेरपिस्ट रवि के द्वारा प्रमस्तिष्क अंगघात से ग्रसित दिव्यांगता के बारे में जानकी दी गई। रवि के द्वारा प्रमस्तिष्क अंगघात के कारणों एवं प्रकार के बारे में विस्तारपुर्वक जानकारी दी गई। साथ ही इससे ग्रसित बच्चों को किस-किस प्रकार थेरेपी दी जाती है उनकी दिव्यगता के अनुसार इसके बारे में भी पालको को बताया गया। जिन पालको के साथ उनके इस दिव्यांगता से ग्रसित बच्चे आये थे उन्हे उनके साथ बच्चें को कैसे थेरेपी दिया जायेगा इसके एवं उसे किस प्रकार की थेरेपी दी जायेगी उसके बारे में उनके अभिभावक को बताया गया। 2 दिवसीय कार्यशाला में आये दृष्टि दोष से ग्रसित बच्चो को राम आई केयर हॉंस्पिटल, निहारिका कोरबा में इलाज कराया गया जिसमें कोरबा ग्रामीण के 2 बच्चों को चश्मा व पोडी उपरोडा से एक बच्चें को मोतीबिन्द के सर्जरी हेतु परामर्श दिया गया । प्रशिक्षण में आये सभी दिव्यांग बच्चे के साथ आये उनके पालको को मार्ग व्यय, रहने खाने की व्यवस्था समग्र शिक्षा कोरबा के द्वारा किया है। प्रशिक्षण में आये सभी पालको द्वारा कार्यशाला को सराहा गया एवं ऐसी कार्यशाल हमेशा होते रहने की बात कही।

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