दुर्ग पुलिस के “साइबर संगी” अभियान के तहत डिजिटल पेमेंट एवं ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में बता कर किया गया जागरूक।
दुर्ग, 13 अक्टूबर । पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ अभिषेक पल्लव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनंत कुमार , नगर पुलिस अधीक्षक भिलाईनगर नसर सिद्धकी के द्वारा सेक्टर 6 सिविक सेंटर स्थित पोस्टल डिविजन ऑफिस के अधिकारियों, कर्मचारियों को साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूकता अभियान के तहत साइबर अपराधों से बचने हेतु जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक दुर्ग के द्वारा बताया गया कि त्यौहारी सीजन को देखते हुए दीपावली में आने वाले बड़े-बड़े ऑफर्स का लुभावना स्कीम देखकर, लालच देकर आपके अकाउंट से बड़ी रकम निकाल सकते हैं इसलिए हमेशा कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स को याद रखें- जैसे अनजान लिंक पर क्लिक ना करें, लुभावने ऑफर के झांसे में ना आए, लोन एप्स का उपयोग ना करें, अनजान लोगों के कहने से एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें।
साइबर जागरूकता वर्कशॉप में निरीक्षक संतोष मिश्रा प्रभारी साइबर क्राइम के द्वारा बताया गया कि साइबर अपराधियों द्वारा लाटरी, एनी डेस्क एप, टीम व्यूवर, एसएमएस फावर्डिंग एप, लोन एप, फेक कस्टमर केयर नंबर आदि के माध्यम से लोगों को ठगी से बचने के तरीके बताए। साथ ही बताया कि आनलाइन जाब, क्रेडिट और डेबिट क्राड की डिटेल प्राप्त कर भी साइबर ठग खातों से रुपये उड़ा रहे है। लोगों से अपील की कि लोग झूठे प्रलोभन से बचें। यदि इसके बावजूद साइबर क्राइम के शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें। गृह मंत्रालय भारत सरकार ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 155260 को बदलकर 1930 कर दिया है। साथ ही बताया की साइबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करवा सकते हैं। साइबर क्राइम से आरक्षक जावेद एवं आरक्षक सुरेश चौबे के द्वारा बैंकिंग एवं सोशल मीडिया फ्रॉड के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक किया गया कि आपके मोबाइल पर आए ओटीपी या एटीएम पिन को किसी के साथ शेयर न करें, फर्जी जाब के आफर्स से भी सावधान रहें, असत्यापित लिक पर क्लिक न करें, इंटरनेट मीडिया पर अज्ञात लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, अपनी व्यक्तिगत जानकारी आनलाइन साझा करते समय सावधानी बरतें, किसी भी झांसा या प्रलोभन देने वाले हाईपर लिक/ वेबलिक्स/ यूआरएल को न खोलें, क्योंकि ये आपकी निजी व वित्तिय जानकारियों को लीक कर सकते है।
दुर्ग पुलिस के द्वारा लगातार साइबर ठगी से बचाने के लिए साइबर संगी अभियान चला रही है। लोगों की जागरूकता से ही साइबर ठगों को मात दी जा सकती है।
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