नई दिल्ली ,12अक्टूबर। निवेशों पर भारत–यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल की 10वीं बैठक मुंबई में आयोजित हुई। इसकी सह-अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य शेख हमीद बिन जाएद अल नाहयान द्वारा की गई।
संयुक्त कार्य बल की स्थापना 2013 में भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश तथा आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए जाने तथा फरवरी, 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान के बीच वर्चुअल समिट के दौरान संयुक्त भारत-यूएई विजन वक्तव्य के अनावरण के बाद संयुक्त कार्य बल की यह पहली बैठक थी।
सीईपीए द्विपक्षीय आर्थिक, व्यापार तथा निवेश संबंधों को रूपांतरित करने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए निर्धारित एक प्रमुख व्यापार समझौता है। ये दोनों ऐतिहासिक उपलब्धियां त्वरित गति से दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझीदारी को निरंतर मजबूत बनाने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करते है।
संयुक्त कार्य बल की इस 10वीं बैठक के दौरान, दोनों सह-अध्यक्षों ने मई 2022 में इसके प्रभावी होने के बाद से, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर ऐतिहासिक भारत-यूएई सीईपीए के सकारात्मक प्रभाव के आरंभिक रुझानों को स्वीकार किया। दोनों सह–अध्यक्षों ने दोनों तरफ के व्यावसायियों से सीईपीए के तहत सृजित अनुकूल व्यापार इकोसिस्टम से ईष्टतम लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया। सह-अध्यक्षों ने सीईपीए संयुक्त समिति एवं संबंधित उप-समितियों की स्थापना सहित सीईपीए के विभिन्न पहलुओं पर प्रगति का भी उल्लेख किया।
दोनों प्रतिनिधि मंडलों ने भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश समझौते की वार्ता की स्थिति की समीक्षा की। अभी तक संवाद के 12 दौरों का आयोजन किया जा चुका है। दोनों पक्षों ने नोट किया कि बातचीत की शुरुआत के बाद से अभी तक और अधिक प्रगति दर्ज की जा सकती थी और इसलिए उन्होंने संतुलित और परस्पर लाभदायक समझौते को शीघ्रता से संपन्न कर लेने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, अवसंरचना, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। इस परिप्रेक्ष्य में, यह सहमति हुई कि दोनों देशों में संबंधित प्राधिकारी व्यापार एवं निवेश संबंधित प्रक्रियाओं में लगने वाले समय और लागत में कमी लाने के लिए दक्ष और समेकित सिंगल विंडो सॉल्यूशंस एवं वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर की स्थापना की खोज करने का प्रयास करेंगे। यूएई की तरफ से, इस पर सहमति हुई कि अबू धाबी का आर्थिक विकास विभाग एक पारस्परिक रूप से लाभदायक कार्यान्वयन दृष्टिकोण पर सहमत होने के लिए भारत में संबंधित समकक्षों के साथ सहयोग के इस क्षेत्र की खोज करेंगे।
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