ह्यूमन राइट्स सेल की मदद से पीड़िता को पति से मासिक भत्ता, ससुराल में कमरा व रसोई दिलाने में अदालत ने दिये आदेश

राष्ट्रीय महिला जागृति मंच द्वारा संचालित ह्यूमन राइट्स सेल की राष्ट्रीय अध्यक्षा सुरभि मेनारिया धींग जी ने बताया कि उदयपुर, राजस्थान निवासी पीड़िता शिखा सरपुरिया ने संगठन में घरेलू हिंसा और अपनी मासूम बेटी के भरण पोषण हेतु प्रार्थना पत्र लगाया था। संगठन द्वारा मामले को अदालत में ले जाया गया व संगठन की तरफ से पीड़िता को निःशुल्क अधिवक्ता भी दी गई। अदालत में घरेलू हिंसा के मामले की सुनवाई में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पीड़िता और उसकी पुत्री को भरण-पोषण के लिए पति से मासिक भत्ता तथा ससुराल घर में रहने के लिए कमरा, रसोई और अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए गए। सुरभि मेनारिया धींग जी ने सारे मामले को बताते हुए कहा कि अदालत में सेक्टर 3, हिरण मगरी निवासी शिखा सरपुरिया ने वाद दायर कर ससुराल वालों पर घरेलू हिंसा कर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। पीड़िता ने अपने पति, सास-ससुर, जेठ-जेठानी, काका ससुर के खिलाफ वाद दायर किया था। पहले वह अपने ससुराल में संयुक्त रूप से सब के साथ रहती थी। लेकिन आरोपी पति, सास ससुर जी जेठ, जेठानी, काका ससुर ने उसके साथ घरेलू हिंसा व ताने मार कर सही ढंग से खाना नहीं दिया। गर्भावस्था में भी परेशान किया और चोरी आदि के उलहाने देकर परेशान किया। वह और उसके अवयस्क पुत्री मोक्षी इस घर में अलग से रहने लगे तथा उनको भरण पोषण के पैसे तक नहीं दिए जा रहे हैं।

इस पर आरोपी पक्ष की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि प्रार्थी का व्यवहार उसके प्रति क्रूरता पूर्वक रहा है। वह बिना किसी कारण अलग रह रही है। इस पर अदालत ने अपने निर्णय में कहा प्रत्येक पिता और पति का नैतिक सामाजिक विधिक दायित्व है कि वह अपनी पत्नी और संतान का भरण-पोषण करें। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर मूल प्रकरणों के निस्तारण तक आरोपी पिता प्रशांत और पुत्री की शिक्षा चिकित्सा एवं भरण पोषण के लिए एक अप्रैल 2021 से अपनी पत्नी को प्रति माह के हिसाब से ₹5000 मासिक भत्ता अदा करें। यदि कोई अन्य राशि भी आरोपी पति चुका रहा है तो वह राशि इस आदेश की राशि में समायोजित की जाएगी साथ ही पीड़िता और उसकी पुत्री को आरोपी पक्ष अपने घर में एक कमरा, एक रसोई घर में उपलब्ध कराएगा और पीड़ित पक्ष के साथ घरेलू हिंसा नहीं की जाएगी। इस मामले में मंच की ओर से नियुक्त विधिक सलाहकार नीता जैन ने पैरवी की। मंच की संस्थापक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अंबिका जी शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के कई घरेलू हिंसा और पुत्री होने के कारण बेसहारा पत्नी को पति द्वारा शोषण किये जाने वाले मामलों में मंच द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता दी जाती है और पीड़िता को मंच सदैव निष्पक्ष न्याय दिलवाने का प्रयास करता है। मंच की यह कोशिश है कि पीड़िताओं को उचित, अविलंबित न्याय प्रक्रिया कानून एवं प्रशासन से मिले।

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