महाकाल मंदिर में 10 अक्टूबर से पांच में से तीन आरती का समय बदलेगा

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा सोमवार से भगवान महाकाल की दिनचर्या बदलेगी। मंदिर में प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय बदलेगा। तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती तथा रात 10.30 बजे होने वाली शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी।

पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में शरद पूर्णिमा से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इसके अगले दिन कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय बदलता है। सोमवार से सुबह 7 बजे होने वाली बाल भोग आरती 7.30 से 8.15 बजे तक होगी। इसके बाद नैवेद्य आरती सुबह 10 बजे की बजाय 10.30 से 11.15 बजे तक होगी। वहीं संध्या आरती शाम को 7 बजे की बजाय 6.30 से 7.15 बजे तक होगी।

पांच बजे संध्या पूजा होगी

महाकाल मंदिर में प्रतिदिन शाम 5 बजे संध्या पूजा की जाती है। पुजारी भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन कर भांग व सूखे मेवे से आकर्षक श्रृंगार करते हैं। इसके बाद संध्या आरती की जाती है। वर्षभर भगवान महाकाल की सवारी आदि विशिष्ट अवसरों को छोड़कर संध्या पूजा निर्धारित समय पर शाम 5 बजे होती है।

शरदपूर्णिमा आज- केसरिया दूध का भोग लगेगा

महाकाल मंदिर में शनिवार को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। संध्या आरती में भगवान महाकाल को केसरिया दूध का भोग लगाकर आरती की जाएगी। भगवान का विशेष श्रृंगार होगा।