जांजगीर-चांपा, 09 अक्टूबर । गेंदा फूल की महक से गोठान के साथ समूह की महिलाओं की जिंदगी भी महकने लगी है। जिससे उनका परिवार भी इस खुशबू से सराबोर हो रहा है। यह खुशबू एक परिवार के लिए नहीं बल्कि समूह में काम कर रही हर महिला की जिंदगी को सुगन्धित कर रही है। हम बात कर रहे हैं अकलतरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत तिलई जहां पर जय अन्नधारी महिला स्व सहायता समूह गेंदा फूल की खेती कर रहा है तो वहीं नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पचेड़ा में खुशी महिला स्व सहायता समूह गेंदा फूल की खेती कर रही हैं।
मेहनत रंग लाती है और यह करके दिखाया है तिलई एवं पचेड़ा समूह की महिलाओं ने। उनकी एक दिन की मेहनत नहीं बल्कि इसके पीछे कई दिनों की मेहनत है, जिसका अच्छा परिणाम उन्हें देखने मिल रहा है। महिला स्व सहायता समूह के द्वारा आजीविका गतिविधि से जुड़ी यह कहानी ऐसे ही नहीं बनी बल्कि उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत है, जिसका अच्छा परिणाम उन्हें आज मिल रहा है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी भी लगातार गोठानों में पहुंचकर महिलाओं के द्वारा किये जा रहे आजीविका मूलक कार्यों का सराहना करते हुए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
बाजार में बढ़ी गेंदा फूल की मांग
जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित तिलई गौठान एवं जिले से 10 किलोमीटर दूर स्थित पचेड़ा में गेंदे की फूलों की खेती स्व सहायता समूहों के द्वारा की जा रही है। इन समूहों के द्वारा जुलाई में पौधरोपण किया गया था, जिसके बाद से फूल की खेती होना शुरू होने लगी। महिला समूहों के द्वारा गेंदे के फूल को गौठान से तोड़कर बाजार में बेचने के लिए पहुंचाया जा रहा है।
जय अन्नधारी महिला समूह की अध्यक्ष सुनीता यादव, सचिव सुकुमारी यादव बताती हैं कि तिलई गौठान में सब्जी-बाड़ी के साथ ही गेंदा फूल की खेती कर रही हैं। वर्तमान में जिस तरह से गेंदे की पैदावार हो रही है उससे नवरात्रि में बेहतर रोजगार मिला और दीपावली में अच्छी आमदनी की उम्मीद है। तो वहीं खुशी समूह की अध्यक्ष निर्मला, गोमती, बुधवारा, चित्रवती, उर्मिला का कहना है कि शासन की योजना का फायदा समूह को मिल रहा है।
गौठान में पर्याप्त जगह मिलने और महात्मा गांधी नरेगा के अलावा उद्यान विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन से ही आज बेहतर गेंदा फूल की खेती कर पा रही हैं। उनका कहना है महिलाओं को गोठान ने स्वरोजगार की ओर बढ़ाया है, जिससे गांव में रहते हुए ही बेहतर आजीविका मिल रही है। समूह की महिलाओं का कहना है कि कम लागत में अधिक मुनाफा है और गेंदा फूल की मांग बारह माह रहती है। समूह की महिलाओं का कहना है कि नवरात्रि के दौरान 6 बार गेंदा फूल की तोड़ा गया जिसे जांजगीर के बाजारों में बेचकर मुनाफा कमाया।
महिलाओं की मेहनत को बढ़ा रहे आगे
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट एनजीजीबी के तहत बनाए गए गोठानों के माध्यम से स्व सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधि केन्द्र के रूप में विकसित की जा रही हैं। इससे महिलाएं स्वरोजगार की ओर बढ़कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं। जिपं सीईओ डॉ फरिहा आलम ने बताया कि समूहों की महिलाएं अलग-अलग नवाचार कर अपने आपको आत्मनिर्भर बना रही है। तिलई एवं पचेड़ा की महिलाओं द्वारा गेंदा फूल की खेती की जा रही है। गेंदा फूल की मांग हर समय रहती है, दीपावली पर यह फूल बहुत महंगा बिकता है, इससे समूह को अधिक आमदनी होगी।
[metaslider id="347522"]