लैंको के प्याऊ में पानी का अकाल, मड़वारानी दर्शनार्थी पानी के लिए तरसते नजर आए

कोरबा/बरपाली , 07 अक्टूबर I मड़वारानी पहाड़ ऊपर प्रतिवर्ष नवरात्रि पर विशाल मेला का आयोजन किया जाता है। यह मेला नवरात्रि के पंचमी से प्रारंभ होता है जिसमें दूर दूर से भक्तगण माँ मड़वारानी के दर्शन हेतु आते हैं। इस वर्ष भी मड़वारानी पहाड़ ऊपर विगत 30 सितंबर से मेला लग रहा। श्रद्धालुओं को पहाड़ ऊपर मंदिर जाने के लिए लगभग 6 किलोमीटर की चढ़ाई पैदल तय करनी पड़ती है। पहाड़ ऊपर दो दो समितियाँ हैं जो नवरात्रि पर्व का आयोजन करती है किंतु इस मेले में पानी की किल्लत हमेशा से रही है।

इस बार प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए दर्शनार्थियों हेतु भंडारे और पानी की व्यवस्था की है। लेकिन लोगों की जानकारी के अभाव में और भंडारा स्थल पर या अन्य जगह पर किसी प्रकार के बैनर पोस्टर न होने की वजह से लोगों को इसका उचित लाभ नहीं मिल पा रहा।

वहीं प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु लैंको को आदेशित कर रास्ते में दो स्थानों पर पियाऊ की व्यवस्था की गई थी। ताकि इतनी लंबी पैदल चढ़ाई तय करने वाले भक्तों को पीने के लिए पानी मिल सके। किन्तु  ऐसा लगता है कि प्याऊ खोलने के बाद प्रशासन और लैंको दोनों इसकी सुध लेना भूल गए। जब वास्तव में श्रद्धालुओं को पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता है तब लैंको का प्याऊ सूखा पड़ा हुआ है।

चूंकि दशहरे के बाद तीन दिन नवरात्रि के मेले में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। लाखों की संख्या में भक्तगण माँ मड़वारानी के दर्शन के लिए आते हैं ऐसे में दशहरे के दूसरे दिन से ही लैंको द्वारा लगाए गए दोनों प्याऊ में पानी का अकाल पड़ा हुआ है। कल से पहाड़ में दर्शन के लिए जाने वाले लोगों को रास्ते में पानी के लिए तरसते हुए देखा जा रहा है। 6 किलोमीटर की लंबी दूरी और वो भी पहाड़ की चढ़ाई जिसमें मुश्किल से दो प्याऊ और वो भी कल से सूखा पड़ा है।

और बात करें मंदिर को संचालित करने वाली समितियों की तो ऊपर की दोनों समितियाँ बस अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी है उनको श्रद्धालुओं की तकलीफ या परेशानी से कोई सरोकार नहीं है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]