रेलवे ने नया टाइमटेबल बनाया है, जिसके तहत 500 ट्रेनों की रफ्तार में इजाफा किया गया है। इनमें ज्यादातर ट्रेनों साधारण श्रेणी की हैं और इसके चलते आम लोगों का सफर सुगम और रफ्तार भरा हो सकेगा। रेलवे ने 65 जोड़ी यानी 130 ट्रेनों को सामान्य श्रेणी से हटाकर सुपरफास्ट का दर्जा दे दिया है। इन ट्रेनों की स्पीड में 10 से 70 मिनट तक का इजाफा किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इन ट्रेनों को पहले के मुकाबले 10 से 70 मिनट तक का समय कम लगेगा। 1 अक्टूबर से रेलवे का यह नया टाइम टेबल लागू हुआ है।
रेलवे का कहना है कि इन ट्रेनों की स्पीड में औसतम 5 फीसदी तक का इजाफा किया गया है। इससे ज्यादा ट्रेनों को चलाने के लिए थोड़ा स्पेस मिल सकेगा। रेलवे ने बीते एक साल में अपने टाइम टेबल और ट्रेनों के समय पर पहुंचने के रिकॉर्ड को भी बेहतर किया है। कोरोना काल में पटरियों के विस्तार और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने के चलते यह संभव हुआ है। रेलवे के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में 84 फीसदी ट्रेनों ने समय पर अपना सफर पूरा किया है। इससे पहले 2019-20 में यह आंकड़ा 75 फीसदी का ही था। भारतीय रेलवे की ओर से 3,240 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इनमें गतिमान एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और दूरंतो एक्सप्रेस शामिल हैं।
इसके अलावा रेलवे की ओर से 3,000 पैसेंजर ट्रेनों और 5,650 उपनगरीय ट्रेनों का भी संचालन किया जाता है। हर दिन भारत के रेल नेटवर्क पर करीब 2.2 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। रेलवे का कहना है कि स्पीड में इजाफा करने से लोगों का ट्रैवल टाइम कम होगा। इसके अलावा पटरियों पर अतिरिक्त ट्रेनों को चलाने के लिए जगह भी मिल सकेगी। बता दें कि रेलवे की ओर से हर साल टाइम टेबल की समीक्षा की जाती है और नया शेड्यूल जारी किया जाता है। इसी के तहत 1 अक्टूबर से नया शेड्यूल जारी किया गया है।
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