566 अज्ञात मृतात्माओं का स्वर्गधाम सेवा समिति ने किया पिंडदान

धमतरी, 26 सितंबर। स्वर्गधाम सेवा समिति पिछले 18 सालों से अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। इस साल 50 अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार करने के साथ अब तक कुल 566 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इन अज्ञात मृतात्माओं के आत्मा की शांति के लिए स्वर्गधाम सेवा समिति के पदाधिकारी व सदस्य वारिश बनकर पूजा-अर्चना व मंत्रोच्चार के साथ पिंडदान व तर्पण किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरवासी व आसपास गांवों के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर धार्मिक भजन कार्यक्रम भी हुआ।

स्वर्गधाम सेवा समिति धमतरी हर साल पितृ मोक्ष अमावस्या पर चित्रोत्पला महानदी रुद्री तट पर अज्ञात पितरों का सामूहिक तर्पण करता है। इस कड़ी में रविवार को महानदी रूद्री घाट किनारे रूद्रेश्वर मंदिर किनारे 566 अज्ञात मृतात्माओं के आत्मा की शांति के लिए सुबह 11 बजे पंडित रामावतार मिश्रा ने विधि विधान से अज्ञात मृतकों का सामूहिक पिंडदान व तर्पण पूजा-अर्चना व मंत्रोच्चार के साथ महानदी किनारे कराया। इस पूजा कार्यक्रम में स्वर्गधाम सेवा समिति के अध्यक्ष एवंत गोलछा, महासचिव अशोक पवार, उषा श्रीवास्तव, एआर थिटे, तीरथराज फुटान, राजेन्द्र शर्मा, किशोर लिखितकर,विशाल गौरी, विनीता पवार, राजवंश पवार, अमन गिरी गोस्वामी, अर्जुनपुरी गोस्वामी, नरेश साहू, श्यामादेवी साहू, योगेश बाबर, विक्रांत शर्मा आदि शामिल हुए। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरवासी व आसपास गांवों के लोग शामिल हुए।

आशीर्वाद ही बाद में हमारी ताकत बनी

कार्यक्रम में डाॅ. रोशन उपाध्याय ने पितृ श्राद्ध पर विशेष प्रवचन दिया। साथ ही बसंत त्रिवेदी मानस मंडली धमतरी द्वारा भजन कीर्तन की प्रस्तुति दी गई। पिंडदान के बाद मंचीय कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी गोपाल शर्मा थे। अध्यक्षता डा प्रभात गुप्ता ने किया। विशिष्ट अतिथि नेत्र रोग विशेषज्ञ डा हीरा महावर, शल्य क्रिया विशेषज्ञ डा रोशन उपाध्याय उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने कहा कि कई बार ऐसी ऐसी घटनाएं सामने आई कि मन विचलित हो गया। मालूम हो कि आज से 18 साल पहले धमतरी में एक ऐसी सेवा भावी संस्था का उदय हुआ, जिसका नाम आज सब की जुबा पर है। इस संस्था का काम ऐसा है कि हर कोई इसे करने के लिए सामने भी नही आते,लेकिन ऐसी संस्था की जरूरत तब होती थी जब कोई अज्ञात लाश मिले और इसका अंतिम संस्कार कराने के लिए कोई न मिले। लाश सड़ जाय पर मृतात्मा को मोक्ष न मिले। तब धमतरी में स्वर्गधाम सेवा समिति का गठन हुआ। इसके बाद से धमतरी जिले में कोई भी लाश लावारिश नहीं हुआ। समिति निरंतर अज्ञात लाशों का वारिश बनकर विधि विधान से अंतिम संस्कार कर रहा है। मुख्य वक्ता डाॅ. रोशन उपाध्याय ने पितरों, श्राद्ध, तर्पण शब्द का सार बताया। साथ ही उदाहरण के साथ व्याख्या भी की। उन्होंने कहा कि अज्ञात पितरों का वारिश बनना और अंतिम संस्कार करना दुनिया का सबसे नेक कार्य है।

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