जगदलपुर, 25 सितंबर। आसना स्थित बादल अकादमी में शनिवार 24 सितंबर को जिला स्तरीय आदिवासी लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ी के संस्कृति को बढ़ावा देने की सोच का ही प्रतीक है कि इस तरह के आयोजन हो रहे हैं। बादल अकादमी की स्थापना से आने वाली पीढ़ी को हमारी आदिम लोक-संस्कृति को सहेजने में मदद मिलेगी। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि बस्तर के लोक नृत्य पूरे विश्व में विश्व में प्रसिद्ध है और हम सभी का दायित्व का है कि हम इसे सहेजें। उन्होंने बस्तर के नर्तक दलों से यह वादा किया कि यहां की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जाएगा।
बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि बादल अकादमी बस्तर की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य में अवश्य सफल होगा। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित होने वाली प्रतियोगिताएं यहां के लोक कलाकारों को मंच उपलब्ध कराने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी बस्तर के लोक कलाकारों को प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, तथा इस वर्ष के यहां के विजेता भी देश विदेश में अपना परचम लहराएंगे।
उल्लेखनीय है कि आदिवासी नृत्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा 24 सितंबर को जिला एवं 25 सितंबर को संभाग स्तरीय आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को बादल अकादमी में आयोजित जिला स्तरीय आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता में बास्तानार विकासखंड के गौर सिंग नर्तकों ने पहला स्थान और दरभा विकासखंड के नेगानार के लेजा परब नर्तकों ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं बस्तर विकासखंड के लेकर लामकेर के गेड़ी नर्तकों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
निर्णायक के तौर पर लखेश्वर खुदराम, गंगाराम कश्यप धुर, सामुराम मौर्य, शिव नारायण पांडे मौजूद थे। कार्यक्रम में पूर्व विधायक अन्तुराम नाग, आदिवासी विकास विभाग की प्रभारी अधिकारी सुश्री आस्था राजपुत, बादल की प्रभारी अधिकारी श्रीमती पूर्णिमा सरोज, सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी मौजेद थे।
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