धमतरी, 23 सितंबर। खरीफ सीजन के धान फसल किसानों के खेतों में तैयार हो रही है। ज्यादातर खेतों में धान के पौधों से बालियां निकल आई है। पखवाड़े भर के भीतर फसल पकने लगेगी। दशहरा पर्व से पहले कटाई-मिंजाई शुरू हो जाएगी, लेकिन शासन अब तक रबी धान फसल लेने गंगरेल बांध से सिंचाई पानी देने की घोषणा नहीं की है। नहर किनारे खेती-किसानी करने वाले किसानों की नजर अब गंगरेल बांध में भरे लबालब पानी पर टिकी हुई है।
धमतरी जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में 95 प्रतिशत जलभराव के साथ 31 टीएमसी से अधिक पानी भरा हुआ है। वहीं आए दिन हो रही वर्षा के चलते गंगरेल बांध में कैचमेंट एरिया से अभी भी 7154 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है, जबकि बांध से 5997 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इसके बाद भी गंगरेल बांध में पर्याप्त जलभराव है। सितंबर माह में गंगरेल बांध इस साल लबालब भरा हुआ है, ऐसे में क्षेत्र के किसानों को इस साल अच्छी वर्षा होने और बांध में पर्याप्त जलभराव होने के कारण रबी धान फसल के लिए बांध से सिंचाई पानी देने की उम्मीद है। यही वजह है कि धान के अर्ली वेरायटी किस्म की खेती करने वाले किसानों के खेतों में पखवाड़ेभर के भीतर दलहन-तिलहन छिड़काव के लायक हो जाएंगे, लेकिन किसान बांध से सिंचाई पानी देने की घोषणा के इंतजार में अब तक दलहन-तिलहन बीज की खरीदी नहीं की है।
जिला प्रशासन स्पष्ट करें
किसान घनाराम साहू, लीलाराम साहू, खोरबाहरा राम, रमेश सिन्हा आदि का कहना है कि यदि शासन इस साल रबी में सिंचाई पानी देना चाहते हैं, तो समय से पहले सिंचाई पानी देने की घोषणा कर दें, ताकि किसान असमंजस में न रहे। समय पर दलहन-तिलहन की खेती कर सके। दलहन-तिलहन बोने के बाद सिंचाई पानी देने की घोषणा होने के बाद किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। नहर किनारे के खेतों में दलहन-तिलहन फसल खराब हो जाता है इसलिए किसानों की मांग है कि शासन सिंचाई पानी देने की बात को समय से पहले स्पष्ट करें। इस संबंध में कलेक्टर पीएस एल्मा का कहना है कि फिलहाल रबी सीजन में धान फसल के लिए सिंचाई पानी देने संबंधी शासन से कोई आदेश नहीं है।
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