जांजगीर-चांपा 20 सितम्बर दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य शासन के मंशा अनुरूप जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के विशेष प्रयास से प्रदेश के तीसरे शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास का कायाकल्प किया गया है। अनेक सुविधाओं से वंचित इस विद्यालय में कुछ माह पहले जब कलेक्टर पहली बार गए थे तब उन्होंने दिव्यांग बच्चों की न सिर्फ संवेदनशीलता को महसूस किया था, अपितु उनकी जरूरतों और कमियों को भी महसूस करते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को तत्काल ही यहां के टॉयलेट से लेकर बाहरी परिसर को संवारने के निर्देश दिए थे। दिव्यांगों के हितों को अपनी जेहन में रखे कलेक्टर श्री सिन्हा आखिरकार कुछ माह बाद इस विद्यालय का अचानक निरीक्षण करने आये तो उन्हें यहां की तस्वीर पहले से बहुत बदली-बदली हुई दिखी। कलेक्टर ने यहां चंद महीने में किये गए कायाकल्प पर खुशी जाहिर करते हुए समाज कल्याण अधिकारी को बधाई देते हुए वेरीगुड भी कहा।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने पेण्ड्री में स्थित शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने की बात कही थी। इस विद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए टॉयलेट सहित अन्य सुविधाओं को देखने के पश्चात कलेक्टर ने कहा था कि दिव्यांग हमारे ही समाज के अंग है। शासन द्वारा विद्यालय संचालित किया जा रहा है, ऐसे में उन्हें विद्यालय में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाएं मिलनी चाहिए। यह हमारे जिले के लिए गौरव की भी बात है कि ऐसे विद्यालय और छात्रावास यहां संचालित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप इस विद्यालय के माध्यम से बहुदिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने, बाधारहित शैक्षिक एवं प्रशैणिक सुविधाएं उपलब्ध कराना और स्वावलंबी एवं समाजोपयोगी बनाकर उनका सर्वांगीण विकास में हम सबकी भूमिका होनी चाहिए। कलेक्टर ने उन्हें प्रदान की जाने वाली शिक्षा में कोई कमी नहीं करने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने यहां दिव्यांग विद्यार्थियों एवं उनके परिजनों से भी बात की। इस अवसर पर उपसंचालक समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टी पी भावे ने बताया कि विद्यालय में बहुदिव्यांग बच्चों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा उनके संभव उपचार, विशेष प्रशिक्षण, दैनिक दिनचर्या प्रशिक्षण, वाणी एवं भाषा विकास, प्री-रोजगार मूलक प्रशिक्षण, समस्याजनक व्यवहारों में नियंत्रण एवं सुधार के लिए बाधारहित शैक्षिक एवं प्रशैक्षिक सुविधा उपलब्ध कराकर उनका संर्वागीण विकास एवं समग्र पुनर्वास किया जाएगा। इसके साथ ही स्पर्श अनुकरण विधि ब्रेल लिपी, सांकेतिक भाषा, ओरल-औरल, संरचना विधि एवं संपूर्ण संप्रेषण इत्यादि विधि एवं प्रविधियों से समुचित रूप से शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान की जाएगी।
एक से अधिक दिव्यांगता से ग्रसित निःशक्तजनो के लिए संचालित है विद्यालय
कलेक्टर के प्रयास से जहां इस विद्यालय में अनेक नई सुविधाएं बढ़ी है, वहीं दिव्यांगों को भी इसका लाभ मिलने लगा है। एक से अधिक दिव्यांगता से ग्रसित निःशक्तजनों के लिए विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। छात्रावास में बहुदिव्यांग बालक वर्ग के लिए अन्तःवासी एवं बालिका वर्ग के लिए दैनिक छात्र के रूप में निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण संचालित कर उन्हें समाज के मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। शैक्षिणक सत्र 2022-23 के लिए बहुदिव्यांग निःशक्तता के छात्रावासी 50 सीटे और दैनिक 25 सीटे इस प्रकार कुल 75 छात्र-छात्राओं की संख्या प्रस्तावित है।
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