महेश भट्ट अपनी और परवीन बाबी की प्रेम कहानी को पर्दे पर उतार चुके हैं। फिल्म अर्थ में उनके एक्सट्रा मैरिटल अफेयर की कहानी दिखी है। फ्लॉप और शादीशुदा डायरेक्टर महेश जब परवीन बाबी के रिलेशनशिप में आए तो उन दिनों दोनों की कहानी खूब सुर्खियों में रही थी। वह एक इंटरव्यू के दौरान बता चुके हैं कि कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद कैसे परवीन और उनकी नजदीकी बढ़ी। फिर कैसे उन्हें परवीन की मानसिक हालत का पता चला और बीमारी के बाद एक दिन परवीन दुनिया छोड़कर चली गईं।
शादीशुदा महेश से परवीन को हुआ था प्यार
महेश भट्ट ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका और परवीन का रिलेशन 1977 में शुरू हुआ था। उस वक्त वह कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद इटली से एक शो करके लौटी थीं। परवीन उस वक्त टॉप स्टार थीं और महेश एक फ्लॉप फिल्ममेकर। परवीन के साथ रहने के लिए महेश भट्ट अपनी पत्नी लॉरेन और बेटी पूजा को छोड़ गए थे। महेश ने बताया था 1979 की एक शाम वह उनके जुहू अपार्टमेंट गए। वहां परवीन की मां जमाल बाबी थीं। उन्होंने फुसफुसाकर कहा, देखो परवीन को क्या हो गया। मैं बेडरूम में पहुंचा तो ड्रेसिंग टेबल पर लाइन से कई सारे परफ्यूम्स रखे थे। वहां जो नजारा दिखा उसे देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
परवीन एक फिल्म का कॉस्ट्यूम पहने थे और कोने में दीवार और कोने के बीच दुबकी बैठी थी। वह किसी खूंखार जानवर की तरह दिख रही थी। हाथ में किचन वाला चाकू लिए थी। महेश ने परवीन से पूछा कि क्या कर रही हो तो उन्होंने जवाब दिया, शश्श्श… बात मत करो। कमरे में जासूसी वाले कैमरे लगे हैं। वे लोग मुझे जान से मारने की कोशिश कर रहे हैं। वे मेरे ऊपर झूमर गिरा देंगे। वह मेरा हाथ पकड़कर बाहर ले गई। उसकी मां को देखकर लगा कि ऐसा पहले भी हो चुका था। इस तरह से महेश भट्ट को परवीन बाबी की बिगड़ती हालत का पता लगा था। परवीन की हालत को लेकर कई कहानियां फैल गई थीं। कुछ का कहना था कि उनकी सफलता की वजह से काला जादू किया गया तो कुछ मान रहे थे कि उनमें कोई आत्मा प्रवेश कर गई है।
महेश भट्ट साइकियाट्रिस्ट्स से मिले जिन्होंने बताया कि उन्हें पैरानॉइड सिक्टसफ्रीनिया हुआ था। यह एक जेनेटिक बायोकेमिकल डिसऑर्डर था। परवीन को कई सारे डर थे। बीमारी का बहाना करके उन्हें लोगों से दूर रखा गया। उन्हें यह भी डर लगने लगा था कि अमिताभ बच्चन उन्हें जान से मार देंगे। 22 जनवरी 2005 को परवीन बाबी की डायबेटिक कॉम्प्लिकेशंस की वजह से मौत हो गई। महेश भट्ट को उनके मरने की खबर मोबाइल पर एसएमएस के जरिये मिली थी। उन्हें पता चला कि परवीन की बॉडी कूपर हॉस्पिटल में है जिसे लेने कोई रिलेटिव नहीं पहुंचा था। महेश ने सोचा था कि अगर कोई नहीं पहुंचता है तो वह परवीन का अंतिम संस्कार करेंगे। वह उनको आखिरी विदाई देने पहुंचे थे। महेश मानते हैं कि परवीन के बिना वह कुछ न होते। वही उनके अस्तित्व में अर्थ लाई थीं।
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