नई दिल्ली। विगत सात सितंबर से कांग्रेस की महत्वाकांक्षी 150 दिवसीय भारत जोड़ो यात्रा जारी है। जिसके बाद कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा 21 दिन में करीब 511 किलोमीटर का सफर तय करेगी। विधानसभा चुनाव के लिए यात्रा को अहम माना जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का दावा है कि यात्रा को जनसमर्थन मिलेगा। हालांकि, पार्टी के कई नेता मानते हैं शायद कर्नाटक में पूरी यात्रा के दौरान तमिलनाडु और केरल जैसा समर्थन नहीं मिल पाए। तमिलनाडु और केरल दोनों राज्यों में पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। पार्टी की 52 में से 23 सीट इन दोनों राज्यों से हैं।
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राहुल गांधी भी वायनाड से सांसद हैं। वहीं, कर्नाटक में पार्टी के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 80 सीट मिली थी, पर अभी तक10 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। फायदे की उम्मीद कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कार्यकर्ता यात्रा को लेकर उत्साहित हैं। प्रदेश में यात्रा सफल रहेगी और इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा। कर्नाटक में पार्टी जनता दल (सेकुलर) से दूरी बनाकर चलेगी। बकौल उनके, हम भाजपा और जेडीएस के खिलाफ चुनाव लडऩे जा रहे हैं, ऐसे में दोनों से दूरी बनाना स्वभाविक है।
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